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________________ ૨૦૧ X * नमि -तहव्य जे द्रव्य अन्य द्रव्य 2 स्थापना साधे असंयुक्त ज होय = शुद्ध होय छे. जैम दुध, दही ल ㄓ 쇠 * * अन्य + ५ शुद्ध वस्त्रवालो देवदत्तः य आराधना GP सप्तम आदेश (मिश्र) अनुय शुद्ध दति H, 201 शुद्धि निक्षेप 4 द्रव्य अ 1 24 अध्ययन, ਤੇ प्राधान्य ↓ वर्ण गंध-रस स्पर्श मा सामान्य थी जे सुंदर होय ते जेमकें वर्ण मा शुक्ल, रस मां मधुर, गद्यमा सुरभी स्पर्श माँ सुकोमल मृदु རྭ H, 1 三 工 जे ४ भाव ሂ तकाव ↓ भाव अन्य आ अन्यो ++ भाव सा असंयुक्त ज भाव वालो शुद्ध होय जेम बुभुक्षित ने साधु अन्नादि नी गुरु अभिलाषा थे.. *** - जैम दर्शन - ज्ञान- चारित्र ना विषय मी जे क्षायिक ज्ञानादिः प्रधान छे तेम दर्शनादि- ३ ना विषय मा अध्यंतर तप नी ते प्रधान भाव विशुद्धि के केमके तैनाथी जीव कर्म थी रहित थाय छे. 14 शुद्ध भाव ३ प्राधान्य * * * દશવૈકાલિકસૂત્ર ભાગ-૩ मध्य ७ डोष्ट
SR No.005765
Book TitleDashvaikalik Sutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunhansvijay, Bhavyasundarvijay
PublisherKamal Prakashan Trust
Publication Year2009
Total Pages294
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & agam_dashvaikalik
File Size7 MB
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