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________________ SEN शालिमा भाग- २EAN मध्य. ४ 565 स मिम्बु वा सिक्युणि वा सूत्र दाश षड्नीवनिकाय अजयं परमाण.... यी जीवालीये वियागलो | मेन , न छेदावे, छेदनारने न अनुमोदै विगै.... सौ हुं नाहीइ संजम... सुधी (प्रामा पुग्न-)) लिया जीवमनीवेम...ची सिद्धौ हा सामो _ निक्षेप/ . औघनिष्पन नामनियन नाम ज्योपना या क्षेत्र मार वि . - सूत्रात्नापैकनिष्पक्ष यि पद दिया है (पृथ्वी आदि छः द्रव्य) भरतना का छ: अतुझी छा भायी। निरोप प्रमाण लक्षण अभिनन्त, अन्यत्व अमूर्तत्व नित्यत्व कब देवव्यापित गणित्व बजगजित विविना समय स्वनः विकृत स्वकार्य जिजाब जिदि जगुरुनगु कि पाल प्रोक्तगगनासो गोची होवाची शह नाम स्थापना मय प्राव जीवसंबंधी गण गोध, अब तव । • पर्याय दी रहित ते प्रत्यागीय (आपुष्य आरान परिभोग मा उपयोग अभौम या याशीबान इन्द्रिय अधोदय पिन येता भनी किन धारण दुई का मनि क मालतमान मिल अनेक भेदतात्र) विषय विषम - निकाय (जसन्माण / जावासका माया भोम स्थापना राशर गति निर्माय अस्तिकोप व्य मार्नुका पर्याय मम भार भने ... मिणुनयात प्राधान्तर गतिजाला भिडू धर्मासिमायादि] यादि.] व्यापि जीव अतीव , प्रौदारिपृष्टीलाय अपनाए तेरनीय बाजार व मालकाय प्रसकीय अभ्याम् (मद्राय | कानीया यी बाग फनी मला शस्त्र (भा छ: जीयाभिगम ण्या * अजीवाभिगम द्रव्य मोर बडा ओनि विष घी आम्मैया क्षौर लवण कादि कुमन कुयाम्य जुटा अखिपति शांतालापानि सामसूममा गरम सूक्ष्मवादर बादरा बार बादरगादर . परमाणु) वि प्रवैय यी मानि | पHAR H रायपुढो बापुकाम) जिपुकाम बाग पृथ्वी-तैउ- दूनस्पति-प्रभा । श रीर [ औस विगैरे/। शरीरौ अर्थथा प्रकारे - स्कंध स्मादेश कार्यप्रदेश परमाणु पुडालीप नोपुन मियरममगार
SR No.005764
Book TitleDashvaikalik Sutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunhansvijay, Bhavyasundarvijay
PublisherKamal Prakashan Trust
Publication Year2009
Total Pages326
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & agam_dashvaikalik
File Size8 MB
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