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________________ शालिसा भाग-१ અદય. ૧ કોઠફ जीशांभव सूरि - हारभद्रसारश्वरजी सद्गुसभ्यो नमः भी दशकालिक सूत्रमा वाचनादाता पूज्य गुरुदेव पन्यास भी हीरचंद्र विजयजी महाराणा! दुिन पुष्पि का प्रथम अध्ययन मंगलम् नाभ स्थापना व्याव जुतजान मां अनुयोग चरणकरणानुयोग धर्मानुयोग गणितानुयोग द्रव्यानयोग (कानिकमुत) (सराप्ययनादि) सूर्यप्रताप्त) बादशांगी) निक्षेप एकार्थक निरत विधी प्रवृति केणे कम्म तदारद लौण अस्पषद् मूतीर्थ नामादि)(पर्यायवाची) (प्युट मा- गुरु-शिष्य (गुण संपका सकल उपक्रमादि) सोतानी) (अप्रमत्त मा)(प्राचार्य भिततान) अर्थधी अनुयोग गुजा दशकानिकस्य मयानयोग पत्तानुयो द काल (मज सूत्र मां मर्वर (जोडक सूत्र मा नकरणानुयोग) (चरणादि नो प्रमपणा) "... धर्ममयानुषीग) पिण्डार्थ विशेषा माया) Tण दुमपाष्पका उपक्रम निक्षेप अनुगमन औधापन्न नामातम्पन्न सूत्रालापकनिष्पन्न मध्ययन अक्षीणं आय प्रणा निशेपनि किन उपौया नियुक्ति भूतमार्गक नियुक्ति सप्रकारे भ H, सूनानुगाम निपुझिशनुगम मै 2 I K प्रावधानिक नाम स्थापना हव्य भाव आगम नौमागम रसागर व्यगरीर तदतिरिक्त हव्युवा मस्तिकायर्म प्रचारकर्म व्यनायो) धर्मासापादि) (आत्मा काग) लाल धाविषय धर्म) अनेक प्रकारे भारितधर्म r E गम्य चतिर्ण पसु परिव्राजक दया F | मंगल पुरवर गाम JTUE गौधि नाम मंगल नाम * * स्थापना द्रव्य माव गन धर्म मंगलनी पूर्ण धर्म औज ध्यापना कामयादि अहिंसा नाम पना ही एक पुरुषै मृग ने भारवा ना परिणामे मार्यो ? य-माय स्मिा) | एक पुरुष र्यासमिति पूर्वका चालता भूल पी फिी मादि पर पग आव्यो। २ एक पुरूपे मंदमंद प्रकावा मां दौरडा ने सर्प भमझी भारता लाग्यो । प्राय * x चतुर्भगी xx xx
SR No.005763
Book TitleDashvaikalik Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunhansvijay, Bhavyasundarvijay
PublisherKamal Prakashan Trust
Publication Year2009
Total Pages366
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & agam_dashvaikalik
File Size8 MB
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