SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 246
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प.पू. गाशवर्य श्री युगलषायाविषयछ भ.सा.ना व्याण्यानना पुस्तको (1) अनुठंधाधान (2) सुपात्रहान (3) योगविंशिडा लाग-१ (4) योगविंशिडा लाग-२ गीतार्थगंगाथी प्राशित ग्रंथो। विवेयड भूख्य 34 2) ou 10 o4 (1) योगविंशिडा शश: विवेयन प्रविशला/ भोता अध्यात्म धनिषत् प्रहराया शब्दश: विवेयन प्रविशिला भोता श्रावना पारवतोनां विडयो યુગભૂષણવિજ્યજી મ.સા. (4) योगष्टिसभुय्यय युगलपाशविश्य भ.सा. (5) साति तभारा हाथभां ! युगलधाराविश्य भ.सा. छर्भवाट उर्शिता युगभूषाशविश्य भ.सा. (7) हर्शनायार युगभूषााविश्य भ.सा. शासनस्थापना યુગભૂષણવિજ્યજી મ.સા. (6) अनेडान्तवाह युगभूषाशविश्य भ.सा. (10) प्रश्नोत्तरी युगभूषाशविश्य भ.सा. (11) चित्तवृत्ति युगभूषाशविल्या भ.सा. (12) यालो, भोक्षनु सायुं स्व३ध सभछमे युगलपाशविश्य भ.सा. (13) आश्रव भने अनुसंध स्व. भोषितविश्य भ.सा. (14) भनोविश्य अने आत्मशुद्धि युगभूषाशविश्य भ.सा. (15) भागवती प्रवश्या परिचय युगभूषाशविश्य भ.सा. (16) विंशतिविंशिडा शश: विवेयन पूर्वाध प्रवियाला भोता (17) अध्यात्मभतपरीक्षा शण्टशः विवेयन लाग-१ | प्रविशिला भोता / 10 10 o4 05 --20 20 05. ર૫ 70 (18) आराधह-विराधा यतुलंगी (18) विंशतिविंशिडा शश: 20) अध्यात्मभतपरीक्षा शण्टश प्रविशमा भोता अविशलाई भोता प्रवीशला, भोता 10 -30 પપ भूद: सूर्या मांइसेट, भबिदागाम, महावाह-५८.
SR No.005702
Book TitleAdhyatmamatpariksha Shabdasha Vivechan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPravinchandra K Mota
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2001
Total Pages246
LanguageGujarat
ClassificationBook_Gujarati
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy