________________
(१०७) चीजाने आगळ वधवा देतो नथी. पोते खातो नथी, बीनानुं ढोळी नांखे छे; एवी रीते पक्षो बंधातां बनेने नुकसान थइ लाभ त्रीजाने थाय छे. जे माटे बेबिलाडी तथा वांदरानो दाखलो बंध बेस्तो छे. माटे कुसंप क्यांय पण संघमां न थाय अथवा ज्यां ते पेठो होय त्यांथी तरत ते दूर थाय तेवा उपाय दरेक जैन बंधुए लेवा जोइए. एवं थशे त्यारेज फक्त कॉन्फरन्सना ठरावोरुपी बी संवरुपी खतरमां ववाशे अने योग्य वखतमां तेना फणगा फुटी तेमांथी मनमानतो पाक थशे, माटे दरेक जैन बंधुए हरेक वखते याद राख के, ज्यां सुधी कुसंपना नकामा छोडवा संघना खेतरमांथी दूर नथी थया अने तेओ प्रबळ छे त्यां सुधी कॉन्फरन्सना भाषणो अने ठरावोना पाणीनी गमे तेटली वृष्टि थाय तोपण सुधाराना बी उपर ते पाणी पहोंच्या पहेलां कुसंपना नकामा छोडवाज ते पाणी चुसी जशे.
संप अने ऐक्यताने जेटली अगत्य आपीए एटली ओछी छे. अंग्रेजीमां कहे छ के. United we stand, divided we full ( ज्यां सुधी आपणे एकत्र छीए त्यां सुधी आपणे कोइनी पण सामे टक्कर झीली शकीशु, पण जो भा. पणामां : फाटफुट थइ तो आपणी पडती आवी समजवी ). रायथी ते रंक सुधी दरेक माणसने बीजानी गरज पडे छेज. दरेक माणसमां कंइन कंइ करवानी शक्ति होय छे, कोइ पैसाथी मदद करे, तो कोइ ज्ञान के विद्वताथी मदद करे, तो कोइ अंग महेनतथी पोतानी मददनो फाळो आपे. कॉन्फरन्से हाथ धरेल मोटा कामने पार उतारवामां आवा बधा प्र. कारनी मददनी जरुर छे, जेम एक घर के मंडप जूदी जूदी चीजोना साथे मळी रहेवाथी उभा रही शके छे तेम एक महान मंडळ के समाज पण जूदा जूदा माणसोनी नदी नदी जातनी मदद अने सेवाथी टकी शके छे. जे मंडप नीचे हमणां आपणे छीए तेनोज दाखलो लइए. ए मंडप शी रीते तैयार थएल छे अने एनी पडवानी धास्ती केम आपणने नथी ? प्रथम जाडा मजबुत थांभलाओ उभा खोड्या हशे, पछी तेनी आडा वळाओ बांध्या हशे, पछी छापरा वास्ते तेना उपर बीजा झीणा वळाओ तथा वंझीओ वगेरे नाखेल हशे. एम जुदा जूदा जाडा पातळा लाकडांओना भेगा थवाथी मंडप तैयार थयु. कोइ उभा थांभलां बधाथी विशेष वजन उपाडे छे तो कोइ आडा रहीने थोडं वजन उपाडे छे अने केटलाक तो बी. जाने आधारेज पडी रहेला छे अने बीलकुल वजन उपाडता नथी. पण तेनी पण नरुर छे. तेवीन रीते आपणा सकळ संघमां आपणा मुरब्बी लक्षाधिपति गृहस्थो
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org