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________________ ( ७० ) रीपोर्ट परथी जणाय छे के, २४ १५३३ जैन पुरुषोमाथी भणनारा फक्त २१६४६ अने लखी वांची जाणे एवा ९४ १०० छे; त्यारे १२५७८७ पुरुषो तद्दन अभण छे. जैन कोमनो अर्ध भाग मारे भाग आवी रीते तदन केळवणीथी बेनशिब रहे छे अने आ वर्गमांथी निराश्रित वर्ग उत्पन्न थाय छे तेओने सुधारवानो उपाय केळवणीने चालु मदद आपी स्कॉलरशीप विगेरे आपवी ऐज छे. आ रस्ते जे पैसा खर्चवामां आवशे ते नहीं तो बीनी रीते पण खर्ववाज पडशे. अने तेटला माटे आ वर्षमा मि. लालभाइ शेठे जे स्कॉलरशीपनी योजना काढी छे ते प्रशंसापात्र छे. अगाउ जणाव्युं तेम आवी स्कॉलरशीपमां वळी हरीफाईन तत्व उमेरवामां आवे तो मोटो लाभ थाय. आ बाबत आपना ध्यानपर लावू छं. बोर्डिंग करवी ए अमुक व्यक्तिने माटे मुश्कल छ, जो के गृहस्थ माटे तेम नथी. आवा माणसाने केळवणी खातामा मदद करवानी होंस होय तो तेणे शुं करवू ? एवो स्वाल थाय छे. आवा शुभ आश्रयवाळा अने कोमर्नु हित हैडे धरवावाळा धार्मिक धुरंधरोने हुं सूचवीश के तेओए अभ्यास करनार विद्यार्थीमाथी एक चालाक अने भविष्यमां सारा निवडवानी आशा आपनारा एक विद्यार्थीने लइ लेवो अने तेने पोताने खर्चे जमाडी कपडां, फी, पुस्तक अने व्याजबी वीजा खर्च आपी प्रिविअसथी ठेठ मुधी तेने अभ्यास कराववो; जेथी थोडा रुपियाथी एक रत्न मेळवी शकाशे अने ते रत्न परंपराए अनेक रत्न उत्पन्न करशे. आ योजना दरेक श्रीमंत गृहस्थे ध्यानमा राखवानी छे. केळवणीन खाएं एवं छे के, तेने बनी शके तेटली मदद एक आनाथी एक लाख के दशलाखसुधी आपी शकाय. परंपरा केवी रीते चाले छे तेनो दाखलो आपने जोवो होय तो भाटीया गृहस्थ शेठ गोकळदास तेजपालने जुओ. ए उपरांत सस्तु साहित्य अने मासिक अने अठवा डिक पत्रोनी जरुर छे. कॉन्फरन्सनी मददथी एक विद्वान ए. डिटर तरफथी एक मासिक के पाक्षिक नियमित रीते बहार पाडवानी जरुर छे. आमां हिंदी, गुजराती अने इंग्लिश ए त्रणे भाषापर लेखो आपवामां आवे तो ते उपयोगी नीवडशे तेमां शो शक नथी. अने तेमां जैन धर्मना सर्व विषयो लेवामां अडचण नथी. फक्त कॉन्फरन्सने लगता विषयोने वधारे अगत्यता आपवी एटलो नियम थाय तो आ मासिकनी हजारो नकलो जैन बंधुओने घेरेघेर वेचाशे. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005585
Book TitleTriji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Chunilal Vaidya
PublisherReception Committee
Publication Year1906
Total Pages266
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
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