________________
( ६७ ) काय तेवु छे. व्यापारनी वृद्धि अने ज्ञान माटे पण. आ भाषाज्ञाननी पुरेपुरी जरुर छे. टुंकामां आपणी कोमनी अने कोमनी प्रत्येक व्यक्तिना वधारा अने टकाव माटे आ भाषाज्ञाननी पुरेपुरी जरुर छे. आ भाषाज्ञाननी जेटली जरुर छ तेटलीज आपणी कोमनी ते विषयमा पछातला छे ते आपणे उपर जोइ गया छीए. गृहस्थवर्ग केळवणी आपवानी दरकार करतो नथी अने गरीव वर्ग ते लइ शकतो नथी कारण के आ केळवणी बहुज खर्चाळ छे. मोटो भाग तेथी करीने केळवणी लेवाथी बेनसीब रहे छे. कोमना साधनथी जो केळवणी लेवामां आवे तो बीनो ए लाभ थाय छे के, जेओ आ साधनथी केळवणी ले छे तेओ पोते पोताने खर्चे केळवणी बीजाने आपे छे, अने आवी रीते परंपरा चाले छे. बीनी रीते मदद करवाथी ज्यारे गरीब वर्ग वधे छे त्यारे केळवणी आप्याथी परंपराए बहु मोटो वर्ग पोताना पग उपर उभो रहेनारो नीकळी आवे छे. केळवणीने मददनी पुरेपुरी जरुर छ ए आपना जोवामां आव्युं हशे. प्राथ. मिक केळवणी जैनोमां मोटे भागे लेवामां आवे छे तेथी ते दरेक मावाप उपर राखी हाइस्कुल अने कॉलेजनी उंचाप्रकारनी केळवणी आपवामां मदद करवी ए आगवान गृहस्थोनी खास फरज छे.
मदद करवी ए खास फरज छे एम सिद्ध थया पछी हाल तुरत कया प्रकारे मदद करवी ए जोवानुं छे. सरकार मोटे खर्चे कॉलेजो चलावे छे, अने तेनी हरीफाइमां मोटो खर्च करी आपणे कॉलेजो नभावी शकीए ए बनी शके एवं नथी. कॉलेज चलाववामां जे मोटो खर्च थाय छे, ते जोतां ए बहु मुश्केल छे तेथी आपणे जे करी शकीए. ते ओछा खर्चे वधारे लाभ मेळववो ए छे. आटला सारूं हालना वखतमा शेनी मदद जोइए, ए विचारवानी जरुर छे. मुंबइ जेवा मोटा शहेरमा भणनाराओने केटली अगवड पडे छे, तेनो अनुभव शिवाय ख्याल आववो मुश्केल छे. जो एक बोर्डिंग स्थापवामां आवे तो तेथी बहु लाभ थाय. एक विद्यार्थी पाछळ जो २०० रुपी आनो खर्च राखवामां आवे तो तेमांथी तेनो भोजन, कपडा, फी अने पुस्तक सर्व खर्च निकळे अने दश हजार रुपियाना खर्ची ५० विद्यार्थीओ निकळी शके.. आ विद्यार्थी भोने दररोज एक कलाक फरजीआत धा. मिक अभ्यास कराववामां आवे तो तेओमां ने कोइवार धर्मपर अनास्थानो आरोप मूकवामां आवे छे, ते दुर थइ जाय अने ५० बोर्डरो साथे पोताने खर्चे भणनाराओ पण जोडाइ शके. आवी रीते दश वर्षमा आपणे आस्तिक जैनोनुं एक मोटं टोळं
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org