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तेम ज विशाळ रह्यां छे. परिस्थितिवश तेनुं मुख्य कार्यालय मुंबईमां होवा छतां तेनी बेठको अने वार्षिक अधिवेशनो मात्र मुंबईमां पुराई रह्यां नथी. पूर्वमां कलकत्ता, उत्तरमां पंजाब, पश्चिममां काठियावाड, राजस्थान अने गुजरात तेम ज दक्षिणमां पूना लगी समये समये एनां अधिवेशनो थतां रयां छे, अने ते ते प्रान्त के देशप्रदेशना सद्गृहस्थो प्रमुखपद पण शोभावता रह्या छे. आ सूचवे छे के प्रथमथी ज कॉन्फरन्सनुं दृष्टिबिन्दु समग्र मूर्तिपूजक संघने पोतानी साथे लेवान रह्यं छे अने ए पण कबूल करवू जोईए के आ दृष्टिबिन्दुने संघे हृदयथी आवकायु पण छे. तेथी ज तेने दरेक प्रान्त अने प्रदेशमांथी हार्दिक आवकार मळेलो अने उद्दाम, मध्यम तेम ज जूनवाणी विचारसरणी धरावनार भाईबहेनो पण कॉन्फरन्सने अपनावतां रह्यां छे."
कॉन्फरन्सना उद्देश अने कार्यविस्तार संबंधीनी बंधारणनी कलमो अहीं टांकवी रसप्रद थई पडशे :
(१) उद्देश. जैनधर्म अने समाजनो उत्कर्ष थाय तेवा प्रयत्नो करवा अने तेनां सर्व प्रकारनां हितो, रक्षण थाय एवा प्रयासो करवा.
. (२) वखतोवखत समग्र जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक समाजना प्रतिनिधिओनां सम्मेलनो अथवा अधिवेशनो भरीने मजकूर समाजने स्पर्शता धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, शिक्षणविषयक अने अन्य जाहेर हितना सवालोनुं अवलोकन करी ते अंगे योग्य निर्णयो करवा अने तेने अमलमां मूकवा प्रयासो करवा.
(३) जुदा जुदा .फिरकाओ बच्चे भ्रातृभाव अने निकटता केळवाय तेवा प्रयासो करवा.
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