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________________ १८१ (१) जीवन निर्वाहनी जरुरी वस्तुओ वगेरे ओछा दरे ( Subsidised rate ) थी पूरी पाडवा स्टोरी स्थळे स्थळे खोलवा अने ते माटे जरुरी फंड ऊभुं करी स्थानिक समितिओद्वारा काम उपाडवु. 4 ( २ ) नाना हुन्नर उद्योगने मदद करवा सारी केपिटल साथेना सहकारी मंडळो ऊभा करवा, तेम ज तेवा उद्योगो शिखववा जरुरी शिक्षणसंस्था स्थापवा. ( ३ ) नाना नाना हुन्नर उद्योगो तेम ज गृहउद्योगो शीखववा तथा चलाववा उद्योगमंदिर ( इन्डस्ट्रियल होम ) स्थापवुं. ४) स्त्री उपयोगी गृह उद्योगो शिवण, भरत, गूंथण, चित्रकाम आदिनुं शिक्षण आपनारी संस्था स्थापवी. ( ५ ) ते ऊपरांत कॉन्फरन्स माने छे के जैनोना मध्यमवर्गने धंधारोजगारमां सहाय आपवा अने तेमने व्यापार अने ऊद्योगना साधननी अनुकूळता करी आपवा माटे सहकारी अने अन्य धोरणे औद्योगिक अने नाणांकीय संस्था स्थापवी जरुरी छे अने तेथी आ अधिवेशन कॉन्फरन्सना प्रमुखश्रीने ऊपरोक्त कार्य माटे कमिटी नीमवा अने योजना वढी काढवा अधिकार आपे छे, तेम ज आ योजनाने सत्वर मूर्तस्वरूप आपना आग्रह करे छे.' ( सत्तरमुं फालना अधिवेशन, ठराव मो ) २९. जैन संस्कृतिकेन्द्र " अखिल भारतीय जैन संस्कृतिकेन्द्र निर्माण करी ते द्वारा शिक्षणशास्त्र अने मनोविज्ञानशास्त्र पर अवलंबित जैन साहित्यना धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विशाळ भावनाथी भरेला पाठ्य पुस्तकोनुं संपादन Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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