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________________ ૨૮૨ कार्य थवानी आवश्यकता छे. ते माटे पूज्य श्रमण संघ, जैनसंस्थाओ ert विद्वानो संपूर्ण सहकार आपे एवी आ अधिवेशननी भलामण छे. ' ( सत्तरमुं फालना अधिवेशन, ठराव १६ मो ) ३०. श्री महावीर जन्मकल्याणक "" 'अहिंसाना महान प्रवर्तक परमोपकारी जगतवंद्य चरम तीर्थंकर श्रमण भगवान श्री महावीरना जन्मकल्याणक दिवसने जाहेर तहेवार ( पब्लिक होलीडे ) तरीके मान्य राखवा मध्यस्थ सरकारने आ कॉन्फ-रन्स आग्रहपूर्वक विनंती करे छे अने आ माटे योग्य कार्यवाही करवानी सत्ता कार्यवाही समितिने आपे छे. आ तमाम ठरावो उपरथी जणाशे के कॉन्फरन्स समाजना सर्वांगी विकासने शंखे छे अने ते माटे तेणे समाजने स्पर्शता विविध प्रश्नो उपर तलस्पर्शी विचारणा चलावी अनेक महत्त्वना ठरावो कर्या छे. जो आ तमाम ठरावोनो बराबर अमल थई शक्यो होत तो जैन समाजनुं आखुं कलेवर बदलाई गयुं होत अने ते पोतानी पूर्व जाहोजलाली भोगवतो होत. Jain Education International For Personal & Private Use Only a www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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