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________________ १८० २६. व्यायाम "जैन समाजमा व्यायाम तथा शारीरिक विकास तरफ अत्यंत दुर्लक्ष सेववामां आवे छे ते दूर थाय अने समाजनां बाळकोर्नु स्वास्थ्य सुधरे तेम ज तेओमां स्वरक्षण करवानी शक्ति विकास पामे ए अर्थे आ कॉन्फरन्स स्थळे स्थळे व्यायामशाळाओ स्थापवा तेम ज तालीमवर्गो खोलवां जैन समाजने आग्रह करे छे." (सोळमुं मुंबई अधिवेशन, ठराव २१मो) २७. देवद्रव्य " देवद्रव्य निमित्ते जे रकमो अगर मिलकतो होय तेम ज हवे पछी ते माटे आपवामां आवे तेनो उपयोग जिनमूर्ति अने जिनमंदिरो माटे ज थई शके तेम आ कॉन्फरन्स भारपूर्वक जाहेर करे छे अने जैन संघमांनी कोई पण व्यक्ति आनी विरुद्ध मंतव्य रजू करे अथवा प्रचार करे ते जैन धर्मना मृळभूत सिद्धांतोने आघात करनार के एम आ कॉन्फरन्स माने छे." __ (सत्तर, फालना अधिवेशन, ठराव ३जो) २८. मध्यमवर्गने राहत __" हालमां उपस्थित थयेली विषम परिस्थितिने कारणे जैनसमाजनो मध्यमवर्ग अने खास करीने तेना नीचला थरो ओछी आवक अने दिन प्रतिदिन वधती मोघवारीने लइने अत्यंत मुश्केल स्थितिमा मुकाया छे, अने तेमने माटे जीवननिर्वाह करवो लगभग अशक्य थई पड्यो छे तेथी तेमने पगभर करवा तथा हुन्नर उद्योगना अनेक क्षेत्रोमां कार्ये लगाडवा अने तेमनी स्थिति सुधारवा तुरत अमलमां मूकी शकाय तेवी नीचे दर्शावेली योजनाओ सूचववामां आवे छे. आ माटे जैन.: समाजने योग्य करवा अपील करवामां आवे छे: Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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