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________________ २२. आक्षेप-प्रतिकार जैनो तेम ज जैन धर्म उपर अवारनवार आक्षेपो थाय के तेनो योग्य जवाब आपवा एक कायमी समिति नीमवा आ कॉन्फरन्म स्थायी समितिने भलामण करे छे. (सोळमुं मुंबई अधिवेशन, ठराव १४मो ) २३. यात्रालुओने सगवड ____ आपणा तीर्थोमां तथा शहेरोमा जता यात्रालुओने धर्मशाळाना मुनिमो तुरत उतारा आपे अने जोईती सर्व सगवड वगर विलंबे पूरी पाडे माटे आ कॉन्फरन्स वहीवटकर्ताओने भलामण करे छे." (सोळमुं मुंबई अधिवेशन, ठराव १५मो) २४. जैन जनरल हॉस्पिटल तथा प्रसूतिगृह " मुंबई तेम ज जैनोनी मोटी वस्तीवाळा अन्य शहरोमा जैनो माटे जैन जनरल हॉस्पिटलोनी आवश्यकता के अने तेवी हॉस्पिटलो ज्यां ज्यां बनी शके त्यां तुरत योग्य फंड करी स्थापवी अने तेमां सगवड प्रमाणे जैनेतरोने पण लाभ आपवो. जे स्थळोमां जनरल हॉस्पिटल स्थापवी शक्य न होय ते ते स्थळे प्रसूतिगृहो स्थापवानी. योग्य व्यवस्था करवा आ कॉन्फरन्स भलामण करे छे." ( सोळमुं मुंबई अधिवेशन, ठराव १६मो) २५. संगठन “जैनोनी केटलीक जातिओ जेवी के सराक, पल्लीवाल, अग्रवाल वगेरे जैन धर्म पाळती हती, तेओ तथा आपणा केटलाक धर्मबंधुओ उपदेश तथा संपर्कना अभावे धर्मविमुख थता जाय छे तेने जैन धर्ममां स्थिर करवा तथा अपनाववानी आवश्यकता पर आ कॉन्फरन्स खास भार मूके के." (सोळमुं मुंबई अधिवेशन, ठराव १९मो) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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