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________________ आपवामां आव्युं छे अने तेमाथी संख्याबंध केन्द्रोने तथा व्यक्तिओने मदद आपवामां आवी रही छे. तेमाथी अखिल भारत जैन श्वेतांबर कॉन्फरम्सनी महासमितिना ठराव अनुसार ता, १-८-'५५ना रोज मुंबईमां श्री जैन श्वेतांबर कॉन्फरन्स उद्योगगृहनी स्थापना करवामां आवी छे. आ उद्योगगृह अत्यारे घणी सारी स्थितिमा चाले छे अने संख्याबंध भाईबहेनोने आशीर्वादरूप थई पडथु छ: वळी आ योजना अनुसार कॉन्फरन्सनी स्थानिक समितिओ ६० टका रकम एकत्र करे तो ४० टका कॉन्फरन्स तरफी मदद आपवामां आवे छे. आवी समितिओ मुंबई, वडोदरा, अंबाला; उंझा, डभोई, राधनपुर, बोडेली, चाणस्मा, जूनागढ, महुवा, वलसाड; बारडोली, जूना डीसा, मोरबी, व्यारा, पालीताणा, लाकडीआ, ईडर, शिरोही, आदि स्थळोए चाले छे. कॉन्फरन्स तरफी दर वर्षे लगभग रु. ४० थी ४५ हजारनी मदद आ समितिओने अपाय छे. आ रीते बधे मळी लगभग रुपिया एक लाख जेटली रकम दर वर्षे समाजहितार्थे खरचाय छे. आ उपरथी जणाशे के समाजनी करोडरज्जु जेवा श्रावकश्राविकाक्षेत्रनी स्थिति सुधारवा अने तेमने स्वाश्रयी अने स्वावलंबी बनाववा कॉन्फरन्स एक भगीरथ प्रयत्न करी रही छे. सात क्षेत्र पैकीनु आ महामूलं अंग करमाय नहीं अने सदा नवपल्लवित रहे ए जोवानी सौ कोईनी फरज छे. ५. धार्मिक हिसावतपासणी ___“केटलाक कारभारी तो एम म जाणे छे के देरासरनो कारभार तो अमारा वारसामां आवेलो छे ते अमे ज करीए. पोतानी शक्ति न Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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