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• व्यंतर देवों का जघन्य आयुष्य • उत्कृष्ट आयुष्य १ पल्योपम है ।
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• देह का प्रमाण
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७ हाथ है ।
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'ज्योतिष अधिकार'
• इनका निवास स्थान हमारी पृथ्वी से ऊपर की ओर लगभग ७९० योजन उपर है ।
१०,००० वर्ष है ।
• ये देवता स्वभाव से भद्र एवं शान्त होते हैं ।
• इनके विमान आभायुक्त, अत्यंत चमकीले तथा रोशनीदार होते हैं ।
• इनका जघन्य आयुष्य पल्योपम का आठवां भाग जितना तथा उत्कृष्ट आयुष्य १ पल्योपम से कुछ अधिक होता है ।
• इनकी देह का प्रमाण ७ हाथ का होता है ।
• उत्कृष्ट आयुष्य जघन्य आयुष्य
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१ पल्योपम से कुछ अधिक.
• इनका निवास स्थान..
• वैमानिक देवों के तीन प्रकार होते हैं -
१ पल्योपम का आठवां भाग.
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वैमानिक अधिकार
(अ) वैमानिक (ब) ग्रैवेयक (स) अनुत्तर
• वैमानिक देवों के कुल ८४ लाख ९७ हजार २३ विमान हैं । जो अत्यंत जाज्वल्यमान, देदीप्यमान रत्नों के बने हुए हैं ।
• वैमानिक देवों के कुल १२ इन्द्र होते हैं ।
• वैमानिक देवों का जघन्य आयुष्य १० हजार वर्ष तथा उत्कृष्ट आयुष्य ३३ सागरोपम होता है ।
• इनके शरीर की ऊँचाई ७ हाथ से १ हाथ तक हो सकती है ।
•
९ ग्रैवेयक एवं ५ अनुत्तर में वही जीव जा सकता है जिसने अपने पूर्व भव में संयम / दीक्षा स्वीकार की हो ।
'देवता' के संबंध में कुछ अन्य रसप्रद जानकारियां
अनुत्तरवासी देवता, जिनका आयुष्य ३३ सागरोपम जितना होता है उन्हें ३३ हजार साल में एक बार भोजन करने की इच्छा होती है ।
અપવાદ્યનો આશરો-આમમ
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