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किनारे के निकट आता जाता हैं, त्यो २ ऊंचे २ पर्वत शिखरो की उंचाई के सब उसका नीचेका भाग दृष्टि गोचर होता जाता हैं प्रमाण मिथ्या हो जायगे।
. . - जब तक जहाज दूर रहता है, तब तक हमारे बहुत से पाठकों को यहां यह समुद्र की सतहका गोल विभाग (curved शंका उत्पन्न होती होगी कि जब समुद्रकी portion) बीचमें आ जाने से जहाज का सतह चौरस है और दृष्टिका प्रतिबंधक बीचमें नीचेका भाग दिखाई नही देता । इससे सिद्ध कोई पदार्थ नहीं है, तो फिर सारा जहाज होता है कि पृथ्वी गेंद के समान गोल हैं। एकदम क्यों नही दीख जाता ? केवल मस्तूल
- प्यारे पाठको । यह हेतु समीचीन हेतु ही क्यों दीखता है ? नहिं है, किन्तु बाधित विषय नामक हेत्वा- प्यारे पाठको, यह बात आप अच्छी भास है क्यों कि इसका साध्य अनुमानसे तरह जानते है कि पदार्थ ज्यो २ दूर चलता बाधित हैं, वह बाघक अनुमान इस प्रकार है जाता है, त्यो २ वह छोटा दीखता है। ___समुद्र की सतह गोल नहीं, किन्तु चौरस
जिन महाशयों ने चित्र विद्याका कुछ है, क्योंकि वह जलभाग है । जोर जलभाग
अभ्यास किया है वे इस बातको अच्छी तरह होते है उन २ की सतह चौरस होती है।
समझ सकते है कि, यदि उनको किसी एसे जैसे नदी, तालाब, आदिक । समुद्ग भी जल
पदार्थ का चित्र खींचना पडे कि, जो २००० भाग है, इस लिये उसकी सतह चौरस है।
- गज लम्बा और ५०० गज ऊंचा होय तो ____ अथवा विपक्ष में वृत्ति होनेसे यह हेतु
उन को चित्र में ऊंचाई सूचक रेखा क्रमसे व्यभिचारी है, क्योंकि आप थोडी देरके लिये
छोटी २ दिखानी पडेगी। हमारे साथ अफ्रिका के सहारा जगल में चलिये । इस जंगल में जितनी दूर तक आपकी
- इस ही प्रकार समुद्र के किनारे से दृष्टि पहुंच सकती होय, उतने फासलेको आप छूटा हुआ जहाज ज्यों २ किनारे से दूर गुनिया लगाकर बडे २ एन्जिनियरों से उसको हाता जायगा त्यों २ छोटा दीखता जायगा चौरस करा लीजिये। उसके बाद आप अपनी और अंत में दृष्टि से अगोचर हो जायगा। दृष्टिकी सीमाके स्थान पर एक जहाज रखिये, जिस समय वह बहुत ही छोटा दीखता जो आपको जहाजका दृश्य उस समय ठीक हैं उस समय देखनेवाले उसमें मस्तूल कल्पना वैसा ही दिखाई देगा जैसा कि आपको समुद्र कर लेते हैं। यदि वास्तव में उसका उपरी में दृष्टिकी सीमा प्रदेशमें स्थित जहाज का भाग ही दीखता है और वह पूरे तौर पर दृश्य दीखता है । इस लिये यह हेतु व्यभिचारी दीखता है, तो उस मस्तूल पर झडेके कपडे का
रंग या धारियां भी दीखनी चाहिए, परन्तु ___यदि आप समुद्र की सतह चौरस न ऐसा होता नहीं । मानकर गोल मानोगे अर्थात् कहीं ऊंची कहीं अथवा इसकी सुगम परीक्षा यह है नीची मानोगे, तो समुद्र की सतह नापे हुए कि, जब एक जहाज किनारे से छूटकर .
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