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________________ इतना ही नहीं, परन्तु दक्षिण अटलांटिककी जबकि उत्तर में उसी अक्षांश पर नार्वे में और जितना आगे जाते है, उतना ही प्रमाण 'हेमर-कास्ट' नामक स्थानपर पूरे तीन मासका बढ़ता जाता है और वह १०३ मील तकका दिन होता है । यह अन्तर क्यों है ? हो जाता है, तो यह कैसे ? (९) दक्षिण के आर्कीटक प्रदेशो में ____(६) उत्तरी ध्रुवके शोधकोंके सर्वेक्षणके पिस्तोलकी साधारण आवाजभी तोपोंकी आधार पर ज्ञात होता है कि वहां उत्तरमें आवाजके समान गुंजती है, और बर्फ की ध्रुवकी ओर १०० पौण्डका भार भी कठिनाईसे शिलाओंके टूटनेकी आवाज तो प्रलयनाद उठाया जाता है जबकि दक्षिणी ध्रुवके __जैसी भयंकर लगती है, परन्तु उत्तर आर्की ही गवेषकों का कथन है कि इस और ४०० से टक प्रदेशमें ऐसा नही होता है । । ५०० पौंण्ड तकका वजन सरलतासै उठाया जा सकता है, तो यह अन्तर कयों ? वहाँ तो केप्टन हॉल नामक गवेषकके (७) भूमध्य रेखाके नीचेवाले भाग में नाने कथनानुसार बन्दूककी आवाज २० फूटकी से अथवा वहां रहनेवालों को ध्रुवतारा क्यों दूरीसे अधिक भी कठिनाई से सुनाई देती है। दिखाई देता है ? ऐसा कयों होता है ? (6) आर्कीटक ओर अटलान्टिक सर्कल (१०) केप्टन मिले नामक यात्रीने अपने में समानरूपसे तीन मासकी रात्रि ओर यात्रा पुस्तिकामें एक स्थान पर लिखा है तीन मासका दिन होना चाहिए, किन्तु वैसा कि "आर्कीटक देशमें ४० मील तक अधिकसे होता नहीं हैं। अधिक मनुष्यकी दृष्टि पहुंच सकती हैं । ___ क्योंकि वाशिंग्टन की 'ब्यूरो आफ नेविगेशन'. के द्वारा प्रकाशित 'नाटिकल एल- जब कि उत्तरी ध्रुवके शोधकांका कहना मैनक' (पचाग) के अनुसार दक्षिणमें ३० है कि वे १५० से २०० मील तक उत्तरी अक्षांशपर स्थित (सेटलेड) टापुपर सबसे बड़ा ध्रुवमे सरलतासे देख सकते है । यह कैसे दिन १६ घण्टे ओर ५६ मिनटका होता है, और क्यों होता है ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005570
Book TitleJambudwip Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVardhaman Jain Pedhi
PublisherVardhaman Jain Pedhi
Publication Year
Total Pages202
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size5 MB
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