________________
( ५३ )
छो ते पण केवी रीते संभवे ?, कारण चोक्खी रीते द्वेषी गणाएला ब्राह्मणोनुं बौद्धो केवी रीते अनुकरण करशे ? तो तेनो उत्तर ए छे, बौद्धधर्मनी स्थापना वखते बौद्धो पण ब्राह्मणोने तेओनी विद्वत्ता बद्दल अने नीति माटे घणुं सन्मान आपता माटे बौद्धोएज ब्राह्मणोनुं अनुकरण कयु. तोपण जैनोए खुद ब्राह्मणोना नियमोनुं अनुकरण कर्यु के बौद्धोए ब्राह्मणोनुं अनुकरण कर्तुं भने बौद्धोन "जैनो अनुकरण कर्यु ? ए प्रश्न तो हजु रहे छेज. ए शंकानु निराकरण बे प्रकारथी थई शके छे. एक तो जैनोए अनुकरण करवानुं ते बौद्ध करतां ब्राह्मणोनुं अनुकरण करखं तेओने व प्रशस्त लागशे. कारण एक तो नास्तिक गणाएला बौद्ध मार्फत
अनुकरण करवा करतां प्राचीन कालथी सन्मान पामेला ब्राह्मगोनुंज खुद अनुकरण करवं विशेष संभवनीय लागे छे. शिवाय केटलेक ठेकाणे जैनोए जे ब्राह्मणोना नियमो लीधा ते बौद्धग्रन्थोमां मळी आवता नथी ( बौद्धोए ते लीधा नथी ). जो. बौद्ध ब्राह्मणो पाथी नियमो लीधा अने बौद्धो पासेयी जैनोए लीधा एम मानीए तो उपरना बौद्धग्रन्थोमां नहीं होय एवा परन्तु ब्राह्मणग्रन्थोमां ने जैनग्रन्थोमां मळी आवनारा नियमोनी उत्पत्ति शुं ? अर्थात् तेवाज कारणथी जैनोए बौद्धो मार्फत
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org