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जोईए एम सिद्ध थाय छे. कारण एटला नहाना प्रदेशमांना वौद्धयतिओनुं सर्व भरतखंडमां प्रसरेला संन्यासिओए अनुकरण कयु होय एम मानवू ते असंभाव्य लागे छे. सिवाय गौतमस्मृतिकार बौद्धधर्मस्थापनाना पहेलां थई गयो छे. प्रोफेसर ब्यूलरना मत प्रमाणे आपस्तंबसूत्र ई. स. पहेला ४००-५०० वर्ष पूर्वे रचेलं होवू जोईए. तेज प्रमाणे न्यूलरना मतथी बौद्धायन, आपस्तंब करतां पुष्कळ प्राचीन छे. १०३५ वर्ष नहीं पण केटलाक सैकाओ प्राचीन होवो जोईए एवो तेमनो मत छे. बौद्धायनसूत्र करतां गौबम स्मृतिकार प्राचीन, अने गौतम अने बौद्ध ए बन्ने पण बौद्धधर्मस्थापनाना पूर्वेना हता. अर्थात् तेवाज कारणथी ए बन्नेए चौद्धोनुं अनुकरण कर्यु एम कहेवू असंबद्ध छे ए स्पष्ट छे. कदाच न्युलर साहेबनी कालगणनामां भूल थई हशे एम गणिए अने बौद्धधर्म पछी ए बन्ने स्मृतिकार थया एम तुष्यदुर्जनन्यायथी कदाच मान्यु तोपण ब्राह्मणोए बौद्धो पासेथी पोताना संन्यासना नियमो लीधा होवा जोईए एम मानवं युक्तिविरुद्ध थाय. कारण सर्वत्र प्रगट नास्तिक गणाएला बौद्धोना नियमोनू अनुकरण ब्राह्मणोए कर्यु होय ए केवी रीते संभवे ?, हवे ए उपर केटलाक एम कहेशे के, बौद्धोए ब्राह्मणोनुं अनुकरण कर्यु एम तमो कहो
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