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' भनुकरण न करतां ब्राह्मणो पासेथी ते नियमो लीधा एन सिद्ध
थाय छे. * ____ हवे कदाच कोई एम कहे के, ब्राह्मणोए संन्यासिओना नियमो जैनो पासेथी अथवा बौद्ध भिक्षुओ पासेथी लीधा एम केम न मानिए ? आ आक्षेपनो एक उत्तर छे, ते आ प्रमाणेब्राह्मणोना चारआश्रमो पैकी छेल्लो चोथो आ संन्यासाश्रम छे.
आ संन्यासाश्रम ब्राह्मणसंस्था उत्पन्न थवाना पूर्वे पण हतो एम यद्यपि मानी शकाय नहीं तो पण ते आश्रम जैन अथवा बौद्ध करतां घणो प्राचीन हतो ए निर्विवाद छे. __बीजुं-ब्राह्मणसंन्यासिओ आखा हिंदुस्तानमा प्रसरेला हता अने बौद्धयतिजनोनो धर्म स्थापन थयाने बे सैकाओ थया तो पण तेनो प्रसार नियमित प्रदेशोमांज हतो, सन्माननीय अने
- * पृ. ४५ थी लईने अहिं सुधी जे जे विचारो करवामां आव्या छे ते प्रायः जैनधर्मनी सामान्य कथाओने जोवा वाला लेखकोना विचारोने लईनेज करवामां आव्या छे, बारीक दृष्टिथी विचारीए तो बौद्ध तथा भाह्मणो करतां विशिष्ट-अनेक सूक्ष्मतत्त्वविचाररत्लोने निरूपण करनार मैनधर्मने-यमनियमादि जेवी सामान्य बाबतो बीजा पासेथी लेवानी संभवी शकेज नहीं, आगल जतां लेखकना खुलासा पण एवाज रूपमा भनेक अोवामां आवशे.
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