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________________ कहप० प्रमाणे न करी शकाय श्रने पाणी विलोमीने ज पमे त्यां जq कल्पे नहीं. जंघार्ध सुधी पाणी होय ते दकसंघट्ट कहेवाय, नानि सुधी पाणी होय ते लेप कहेवाय अने नानिथी उपर होय तो ॥श्या लेपोपरि कहेवाय. त्यां शेष कालमा त्रण वार दकसंघट्ट थये ते देत्र हणाय नहीं एटले त्यां है जवं कल्पे ए नाव जाणवो. वर्षाकालमा सात वार दकसंघट्ट थाय तोपण क्षेत्र हणाय नहीं. शेष । है कालमा चोथो अने वर्षाकालमा आठमो दकसंघट्ट थये ते क्षेत्र हणाय . लेप तो एक पण होय 8 तो देत्रने हणे ने तेथी नानि सुधी जल होय तो जq कल्पे नहीं तो पड़ी लेपोपरि एटले हूँ नाजिनी उपर जल होय तो तेनी तो वातज शी करवी ? १३. | ४ चोमासु रहेला को साधुने गुरुए आ प्रमाणे प्रथमथी कही राखेनुं होय के 'हे शिष्य ! हूँ ग्लान साधुने अमुक वस्तु लावी श्रापजे.' त्यारे ते साधुने (ते वस्तु) लावी श्रापवी कल्पे, पण तेने 3 है पोताने ते वापरवी करपे नहीं. १४. चोमासुंरहेला कोई साधुने गुरुए था प्रमाणे प्रथमथी कहेलु होय 8 के 'हे शिष्य ! (अमुक वस्तु) तुं पोते लेजे',त्यारे तेने लेवी कल्पे, पण तेने (बीजाने) आपवी कल्पे नहीं है अर्थात् एम कहे होय के 'तुं पोतेज लेजे, ग्लानने बीजो श्रापशे'. त्यारे तेने पोताने खेवं कल्पे, पण ? आपq कल्पे नहीं. १५. चोमासुंरहेला कोश् साधुने गुरुए प्रथमथी कही राखेझुं होय के 'हे शिष्य ! है तुं लावी आपजे अने तुं पोते पण लेजे.' त्यारे तेने लावी श्राप, पण करपे अने लेवू पण कल्पे. अर्थात् तुं श्रापजे अने लेजे एम कही राखेनुं होय तो आपq अने लेवु ए बने पण कल्पे . १६.४ को ५ चोमासुं रहेला (अमुक) साधु अने साध्वीउने ( विगय देवी ) कल्पे नहीं. ते साधु है 18 साध्वी केवा ? तो के हृष्ट एटले तरुण श्रवस्थाने लीधे समर्थ, ( तरुण पण केटलाक रोगी| अने निर्बल शरीरवाला होय जे तेथी कडं डे के ) आरोग्य अने बलवंत शरीरवाला साधु-5॥१२ए। उने था हवे पनी कहेवामां श्रावशे एवी नव रसे करीने प्रधान विकृति ( विग ) वारंवार खावी कल्पे नहीं. ते विकृति या प्रमाणे जाणवी-दुध, दहीं २, माखण ३, घी, ECONDSCAMSASSADOSADOROSCHAR Jan Education intona For Private Personal Use Only wow.jainelibrary.org
SR No.005230
Book TitleSubodhika Kalpasutra Tika Gujarati Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayvijay
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1915
Total Pages414
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_kalpsutra
File Size16 MB
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