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________________ सबो. कल्प एक कोटि सागरोपमे श्री श्रेयांसनाथ निर्वाण पाम्या, त्यारपठी त्रण वर्ष सामा थाठ मास अने 8|| ॥१०॥ दूबेतालीश हजार वर्षे न्यून एवा सठ लाख वीश हजार वर्षे अधिक एकसो सागरोपमे श्री है वीर जगवान् निर्वाण पाम्या अने त्यारपली नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना थइ. १० | अर्हन् श्री सुविधिनाथना निर्वाणथी नव कोटि सागरोपमे श्री शीतलनाथ निर्वाण पाम्या, त्यार-2 पली त्रण वर्ष सामा श्राठ मास ने बेंतालीश हजार वर्षे न्यून एक कोटि सागरोपमे श्री धीर नगवान् निर्वाण पाम्या अने त्यारपली नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना थ. ए हूँ| अर्हन् श्री चंडप्रजना निर्वाणथी नेवु कोटि सागरोपमे श्री सुविधिनाथ निर्वाण पाम्या, त्यारहै पनी त्रण वर्ष सामा श्राप मास अने बेंतालीश हजार वर्षे न्यून एक कोटि सागरोपमे श्री वीर नगवान् निर्वाण पाम्या अने त्यारपली नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना थ. ७ अर्हन श्री सुपार्श्वना निर्वाणथी नवसो कोटि सागरोपमे श्री चंप्रन निर्वाण पाम्या, त्यारपबी छत्रण वर्ष सामा आठ मास ने बेंतालीश हजार वर्षे न्यून एकसो कोटि सागरोपमे श्री वीर जगद्वान् निर्वाण पाम्या अने त्यारपली नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना थ३.७ | शर्डन श्री पद्मप्रजना निर्वाणथी हजार कोटि सागरोपमे श्री सपार्श्व निर्वाण पाम्या. त्यारपड़ी त्रण वर्ष सामा आठ मास अने बेंतालीश हजार वर्षे न्यून एक हजार कोटि सागरोपमे । श्री वीर नगवान् निर्वाण पाम्या अने त्यारपली नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना थइ. ६ ४ अर्हन् श्री सुमतिनाथना निर्वाणथी नेQ हजार कोटि सागरोपमे पद्मप्रन निर्वाण पाम्या, त्यारपबीत्रण वर्ष सामा आठ मास अने बेंतालीश हजार वर्षे न्यून दश हजार कोटि सागरो-18 ॥१०॥ |पमे श्री वीर जगवान् निर्वाण पाम्या अने त्यारपबी नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना थश्. ५ । अर्हन् श्री अनिनंदनना निर्वाणधी नव लाख कोटि सागरोपमे श्री सुमतिनाथ निर्वाण पाम्या, है Jan Education intona For Private Personal Use Only
SR No.005230
Book TitleSubodhika Kalpasutra Tika Gujarati Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayvijay
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1915
Total Pages414
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_kalpsutra
File Size16 MB
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