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________________ श्री मल्लिनाथना निर्वाणथी चोपन लाख वर्षे श्री मुनिसुव्रत निर्वाण पाम्या ने त्यारपटी | अग्यार लाख चोराशी हजार नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना थ. १७ अर्दन् श्री अनाथना निर्वाणथी कोटिसहस्र वर्षे श्री मल्लिनाथ निर्वाण पाम्या ने त्यारपढी पांस लाख चोराशी हजार नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना थइ. १० अन् श्री कुंथुनाथना निर्वाणथी कोटिसहस्र वर्षे न्यून पल्योपमने चोथे जागे श्री अरनाथ निर्वाण पाम्या ने त्यारपढी सहस्र कोटि पांसठ लाख चोराशी हजार नवसो एंशी वर्षे | पुस्तकवाचना थइ. १७ अन् श्री शांतिनाथना निर्वाणी अर्ध पत्योपमे श्री कुंथुनाथ निर्वाण पाम्या अने त्यारपटी पल्योपमनो चोथो जाग तथा पांसठ लाख चोराशी हजार नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना थइ. १६ अन् श्री धर्मनाथना निर्वाणथी पोणा पल्योपमे न्यून त्रण सागरोपमे श्री शांतिनाथ निर्वाण | पाम्या छाने त्यारपठी पोणुं पल्योपम पांसठ लाख चोराशी हजार नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना थइ. १५ अन् श्री अनंतनाथना निर्वाणथी चार सागरोपमे श्री धर्मनाथ निर्वाण पाम्या ाने त्यारपढी त्रण सागरोपम पांसठ लाख चोराशी हजार नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना ३. १४ अन् श्री विमलनाथना निर्वाणथी नव सागरोपमे श्री अनंतनाथ निर्वाण पाम्या श्रने त्यारपढी | सात सागरोपम पांसठ लाख चोराशी हजार नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना थ. १३ श्री वासुपूज्यनानिर्वाणथी त्रीश सागरोपमे श्री विमलनाथ निर्वाण पाम्या श्रने त्यारपढी सोल सागरोपम पांस लाख चोराशी हजार नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना इ. १२ अन् श्री श्रेयांसनाथना निर्वाणथी चोपन सागरोपमे श्री वासुपूज्य निर्वाण पाम्या ने त्यारपछी बेंतालीश सागरोपम पांसठ लाख चोराशी हजार नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचना थइ. ११ अर्हन् श्री शीतलनाथना निर्वाणथी एकसो सागरोपम बासठ लाख बवीश हजार वर्षे न्यून Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005230
Book TitleSubodhika Kalpasutra Tika Gujarati Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayvijay
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1915
Total Pages414
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_kalpsutra
File Size16 MB
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