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कल्पन IP सीने खेंची लीधुं. अथवा हे विधात्रि, में जवांतर अथवा था नवमां पण कंश तारो शुं अपराध | सुयोग
कों ने? के जेश्री श्राम करतां तुं उचित अनुचितनो विचारज करती नश्री ! हवे हुँ शुं करूं !! ॥५०॥
क्यां जलं !!! अथवा कोनी पासे कहुं !! या अधम उदैवे मने वाली तथा खाधी तथा मूळ पमामी. हवे मारे था राजनी शी जरुर वे ? अथवा विषयजन्य एवां था कृत्रिम सुखोनी पण मारे 3 हवे शी जरुर ले ? अथवा उकूलनी शय्यामां शयनश्री उत्पन्न अतुं ने सुख जेमां एवा था महे-13 लनी पण मारे शी जरुर ? हाथी, वृषन थादिक स्वप्नश्री सुचित थएला, उचित, पवित्र तथा त्रण जगतने पूजनिक, त्रण जुवनना माणसो प्रत्ये अतुल्य एवा पुत्ररूपी रत्न विना हवे मारे कशानी शी जरुर ? या असार संसारने धिक्कार , तथा पुःखथी प्राप्त यता एका विषयसुखना ४ क्लेशोने पण धिक्कार बे, तेम मधथी लेपयुक्त थएली खड्गनी धाराने चाटवा सरखा लामोने पण धिक्कार जे. अथवा झषियोए धर्मशास्त्रोमां कहेवू एवं कश्क दुष्कर्म में पूर्व नवमां करेलु ने. (ते || दुष्कर्म कयुं ? तो के पशु पंखी अथवा माणसोनां बालकोनो में तेमनां मातपिताथी वियोग पमाव्यो ।
लाग 3) अथवा अधम बुकिंवाली एवी जे हुँ, तेणीए शुं नानां वाउरमांओने तेमनी माताओथी | ४वियोग कराव्यो ? वली तेश्रोने सूधनो में अंतराय कर्यो , अथवा कराव्यो , अथवा शुंबच्चांओ स-18 शहित में लंदरनांदरो पाणीएथी पूर्या ने ? अथवा शुं में इंमा भने बच्चांओ सहित पदीओना माला नीचे
न पर पामीनाख्या अथवा कोयल.पोपट तथा ककमा श्रादिकनां बच्चांओनो में शं वियोग। कराव्यो ? अथवा में झुं बालहत्या करी ? अथवा शोकोनां वालको पर में शुं पुष्ट विचारो चिंतव्या वे? अथवा में कंश कामण श्रादिक का ? अथवा में कोश्ना गर्नोन स्तंजन, नाश ॥५०॥ अथवा पारवा प्रमुख शु कयु बे? अथवा ते संबंधी कंर में मंत्र अथवा औषधो कर्यां ले ? अथवा
क त विना जीवोने पुःख होय नहीं.. एवी रीते चिंतातुर थएली, तथा तेथी करमा गएला कमल सरखं ने मुख जेणी, एवी ते
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