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________________ कल्प ॥३३॥ AURANGA ROGREGASAIGARAAGRICRACK ६ करीनेज चपल जणाता अने प्रकट रीते देखाता,एवा जे तरंगो कहेतां कबोलो,तथा आसपास (श्राजु-हूँ सुवो बाजु) नाचता एवा पण जे जंग कहेतां कबोलविशेषो,तथा अत्यंत दोन पामेला,अर्थात् जाणे जयन्त्रांतज थया होय तेम चारे कोरे भ्रमण करता अर्थात् अथमाता अने तेथी करीने शोनावाला थएला, तथा निर्मल एटले जरा पण मलिनता विनाना, अने उत्कट एटले उंचे उबलती एवी जे उर्मि कहेता है तरंगो (मोजां) (एवी रीते तरंग, जंग, कडोल, जर्मि विगेरे मोजांजनाप्रकारोजाणवा) एवी रीतनां 8 मोजांनो जे संबंध कहेता परस्पर मल, तेणे करीने अत्यंत उतावलथी तीरानिमुख कहेतां कांगनी सन्मुख दोमतो तथा अपनिवर्तमान कहेतां कांगथी पागो वलतो थको, नासुरतर कहेतां । अत्यंत दीप्तिवालो लागतो अने तेथी करीने अनिराम कहेतां मनने थाहाद उपजावतो एवो. वली ते दीर समुफ केवो ने तो के महान् कहेतां मोटा मोटा जे मगरमठो, तथा प्रसिद्ध एवांजे माउलांज,8 तथा तिमि, तिमिंगल, निरुफ, तितितिलिका विगेरे जुदी जुदी जातिना जलचर प्राणीविशेषो, है तेना जे अनिघातो कहेतां पुंडमीना पाणी पर करवामां आवता जे पनामा, तेणे करीने उत्पन्न है थएलो, अने कर्पूरवत् कहेतां कपूरनी पेठे उज्ज्वल कहेतां सफेद रंग जेनो, एवो जे फीणनो समूह ते जे जेनी अंदर एवो. वली ते वीरसमुरु केवो ने तो के मोटी मोटी एवी जे गंगा था-15 दिक नदी, तेजना अत्यंत वेगथी जोसनर दोमी आवता जे प्रवाहो, तेथी उत्पन्न थतुं जे गंगावत 8 नामनुं व्रमण एटले श्रावर्त्तविशेष (पाणीनी घूमरी अथवा वंटोली ) त्यां व्याकुल थतुं एटले मुंका जतुं, अने तेथीज उंचा उबाला मारतुं (एटले श्रावर्त्तमां पमवाथी श्रने बीजी जगो तरफ जवाने अव-2 काश नहीं मलवाथी उंचे उबलतुं) अने उंचे उबलीने पालुं तेना तेज आवर्त्तमां पमतुं, अने तेथी करीने । ते श्रावर्तनी अंदरज उमणपणाने प्राप्त थएबुं, अने तेथी करीनेज, तथा स्वनावधी पण चपल थएj,18 एवीरीतर्नु ने पाणी जेनी अंदर,एवा क्षीरसमुज्ने त्रिशला क्षत्रियाणीए अग्यारमा स्वप्ननी अंदर जोयो.||॥ ३३ ॥ अग्यारमुं स्वप्न जोया बाद तेणीए बारमा खप्तमा एक अति उत्तम एवा विमानने जोयु. हवे है ForPrivatesPersonal use Only
SR No.005230
Book TitleSubodhika Kalpasutra Tika Gujarati Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayvijay
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1915
Total Pages414
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_kalpsutra
File Size16 MB
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