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॥ श्री संभवनाथाय नमः ॥
॥ श्रीमद् आत्मवल्लभ - समुद्र-इन्द्रदिन सद्गुरुभ्यो नमः ॥
महानगरी चेन्नई के वेपेरी में ऐतिहासिक चातुर्मास
इस बार महानगरी चेन्नई के वेपेरी क्षेत्र में पंजाबकेसरी परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय वल्लभसूरीश्वरजी म.सा. की परमोज्वल पाट परम्परा के क्रमिक पट्टधर शासन दिवाकर शांतिदूत, गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्रीमद् नित्यानंदसूरीश्वरजी म.सा आदि ठाणा तथा पंजाब शेरनी प्रमोद श्रीजी म. की सुशिष्या साध्यी प्रीतिरत्नाश्रीजी आदि ठाणा3 सा चातुर्मास देव- -गुरु- धर्म के पुण्यप्रभाव से भव्यता पूर्वक चल रहा है। राजस्थान से करीब 2200 की.मी. का अति उग्र विहार करके जब से चेन्नई की धरा पर गुरुदेव पहुंचे हैं तभी से शासन प्रभावना के अनेकविध कार्यो की श्रृंखला प्रारंभ हो चुकी है।
गुरुदेवने सर्वप्रथम अरिहंत वैकुठ आपार्टमेन्ट में श्री मुनिसुव्रतस्वामी जिनमंदिर का भूमिपूजन-शिलान्यास करवाया तो उसके बिलकुल समीप में तमिल बिल्डर के द्वारा बनाए जा रहे लुम्बिनी स्केवयर में 19-19 मंजिल की इमारतोंवाले अपार्टमेन्ट में भी जिनमंदिर निर्माण की भावना तमिल बिल्डर श्री नारायणन रविचंद्रन के मन में हो गई । जिनमंदिर के भूमिशुद्धि विधान से पूर्व गुरुदेव ने सभीको सपरिवार मांसाहार त्याग का संकल्प दिलवाया और ततपश्चात् वहीं पर श्री शांतिनाथ जिनालय एवं श्री आत्मवल्लभ जैन आराधना भवनका भूमिपूजन एवं शिलान्यास संपन्न हुआ । इस पुनीत कार्यके लिए उन्होंने अपनी 14 करोड़ की लागत वाली भूमि सहर्ष समर्पित कर दी। यहां पर कायोत्सर्ग मुद्रा में भोपावर तीर्थ के अधिपति श्री शांतिनाथ भगवान की हुबहु मुद्रावाले ऐसे विशाल बिम्ब की प्रतिष्ठा करवाई जाएगी। यह मन्दिर दक्षिण भारत में अपने आप में अद्वितीय होगा ।
पाँच वर्ष पूर्व गुरुदेव ने आयनावरम क्षेत्रमें श्री वासुपूज्यस्वामी जिनमंदिर निर्माण हेतु भूमिपूजन - शिलान्यास संपन्न करवाया था उसकी और श्रीपेरुमवदुर में श्री अभिनंदन स्वामी जिनमंदिर की भी ऐतिहासिक अंजनशालाका तथा प्रतिष्ठा संपन्न करवाई। श्री पेरुमवुदुर में गुरु आत्म एवं गुरुवल्लभ की प्रतिमा भी सुंदर कलात्मक देहारियों में प्रतिष्ठित की गई। यही पर श्री आत्म-वल्लभ जैन आराधना भवन का भूमिपूजन एवं शिलान्यास भी प्रतिष्ठा के बाद संपन्न करवाया । चेन्नई में निर्माणाधीन अनेक जिनमंदिरों के अवलोकन के पश्चात् अनुकूलतानुसार प्रतिठा करवाने के आश्वासन भी गुरुदेव ने दिए हैं। चेन्नई प्रवास के दौरान अनेक क्षेत्रों की आग्रहभरी विनंतियों को स्वीकार करके गुरुदेव ने सभी को लाभान्वित करने का प्रयास किया है ।
शासनपति भगवान श्री महावीरस्वामी के जन्म कल्याणक की शोभायात्रा तथा विराट धर्मसभा भी अत्यंत भव्यता के साथ संपन्न हुई थी। जिसमें राजस्थान के महामहिम राज्यपाल श्री एस. के. सिंह तथा तामिलनाडु पुलिस महानिर्देशक श्री के. पी. जैन आदि प्रशासनिक लोगों की उपस्थिति रही । जन्माष्टमी के दिन चेन्नई से पुलिस कमीश्नर श्री आर. शेखर विशेष रूपसे प्रवचन श्रवण तथा आशीर्वाद ग्रहण करने के लिए पहुंचे ।
साधर्मिक परिवारों के आवास के लिए माधावरम क्षेत्र में साधर्मिक आवास कॉलोनी का भव्य उद्घाटन संक्रांति समारोह के साथ रखा गया । जिसमें श्री आत्म वल्लभ विद्यालय निर्माण हेतु 21 लाख रुपये की घोषणा हुई । निर्माण कार्य प्रारंभ भी हो चुका है । पाटन में भी साधु-साध्वी भगवंत के अध्ययन हेतु श्री आत्म वल्लभ जैन ज्ञानशाला के शुभारंभ हेतु 15 लाख रुपये का आर्थिक सहयोग दिलवाया गया । सम्पूर्ण चेन्नई के करीब 200 वर्षीतप के तपस्वियों का पारणा महोत्सव अक्षय तृतीया को श्री केशरवाडी तीर्थ के पावन प्रांगण में भव्य रूप से संपन्न हुआ जिसमें करीब दस हजार लोगों की उपस्थिति थी चूले में नूतन वर्षीतप प्रारंभ करनेवाले करीब 350 तपाराधकों को वर्षीतप की आराधना का शुभारंभ करवाया कुमारी पुष्पा वरडिया की भी ऐतिहासिक पंचादिक्षा महोत्सवपूर्वक चूले में ही संपन्न करवाई ।
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