________________
४२.
ई. स. १४४० ) : प्रकाशक दे. ला. जैन पुस्तकोद्धार फंड, मुंबई, सं. १९६८
ससूअ : समवायांग सूत्र- अभयदेवसूरिनी वृत्ति (सं. ११२० = ई. स. १०६४ ) : प्रकाशक आगमोदय समिति, मुंबई, सं. १९७४
सुकृचू : सूत्रकृतांग सूत्र - जिनदासगणि महत्तरकृत चूर्णि ( ई. स. नो ७ मो सैको) : प्रकाशक ऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेतांबर संस्था, रतलाम, सं १९९८
सुकृशी : सूत्रकृतांग सूत्र - शीलांकदेवनी वृत्ति ( ई. स. ना ८ मा सैका आसपास ) : प्रकाशक आगमोदय समिति, मेसाणा, सं. १९७३
सूप्रम : सूर्यप्रज्ञप्ति - मलयगिरिनी वृत्ति ( ई. स. नो १२ मो सैको ) : प्रकाशक आगमोदय समिति, सं. १९७५
संप्र : संस्तारक प्रकीर्णक ( 'प्रकीर्णकदशक 'मां मुद्रित) प्रकाशक आगमोदय समिति, मुंबई, सं. १९८३
११२० = ई स.
स्थासूअ : स्थानांग सूत्र - अभयदेवसूरिनी वृत्ति (सं. १०६४ ) : प्रकाशक आगमोदय समिति, भाग १ - २, सं. १९७६
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org