SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 41
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४० प्रव्याअ : प्रश्नव्याकरण सूत्र-अभयदेवसूरिनी वृत्ति (ई. स.नो ११ मो सैको ) : प्रकाशक आगमोदय समिति, मेसाणा, सं. १९७५ प्रसू : प्रज्ञापना सूत्र : प्रकाशक आगमोदय समिति, मेसाणा, पूर्वार्ध ___ उतरार्ध, सं. १९७४-७५ बुक : बृहत्कल्पसूत्र : संपादक मुनिश्री चतुरविजयजी अने मुनिश्री पुण्यविजयजी, भाग १ थी ५, भावनगर, ई. स. १९३३-- ३८; ६हो ग्रन्थ हवे पछी प्रसिद्ध थशे. बकक्षे : बहत्कल्पसूत्र-आचार्य क्षेमकीर्तिनी वृत्ति (सं. १३३२ ई.स. १२७६) (उपर 'बुक' वडे निर्दिष्ट संस्करण ) बुकमा : बहत्कल्पसूत्र-संघदासगणि क्षमाश्रमणकृत भाष्य (ई. स. ना ६हा सैका आसपास) (उपर बृक वडे निर्दिष्ट संस्करण) बकम : बृहत्कल्पसूत्र-आचार्य मलयगिरिनी पीठिका वृत्ति (ई. स. नो १२मो सैको) ( उपर 'बुक' वडे निर्दिष्ट संस्करण) भप : भक्तपरिज्ञा प्रकीर्णक ('प्रकीर्णकदशक 'मां मुद्रित ): प्रकाशक आगमोदय समिति, मुंबई, सं. १९८३ भसू : भगवती सूत्र : प्रकाशक आगमोदय समिति, भाग १-३, अमदावाद, सं. १९८२-८५ भसूअ : भगवतीसूत्र-अभयदेवसूरिनी वृत्ति (सं. ११२८ ई. स. १०७२) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005124
Book TitleJain Sahitya ma Gujarat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhogilal J Sandesara
PublisherGujarat Vidyasabha
Publication Year1952
Total Pages316
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy