SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 59
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 2:47 卐 品 Jain Education International अ से ह अरिहंत-अरिहंत (राग - आतम भक्ति) अ - : अरिहंत - अरिहंत जाप जपें हम, आतमशुध्धि करनेको । आ = : आणारंगी, समकितसंगी, आतमज्ञानी बननेको ॥ क ख ग - : कर्म सारेके सिध्धांतदाता, ज्ञाता सर्वेश्वरा हो । : खमीरी और गंभीरतासे, बने जग मसीहा हो ।। : गणके नायक गणपति हो, ब्रह्मा-विष्णु-महेश्वरा । घ= : घरमें घटमें आप रहे हो, शिवंकारी हो शंकरा || ष - : षटकायक्षमा, खम्मा खम्मा- भावोंकी भेंट लाये है । ह = = : हकीम रागरोगके आप, हमदर्दी लेने आये है ।। नेमिप्रेमी अरिहंत शरणमें, आतमशुध्धि करने को । आर्शीवाददाता : परमात्माभक्तिकारक अध्यात्मयोगी सद्गुरुदेव । 05 णमोत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स वंदामि जिणे चउव्वीसं नमो जिणाणं जिअ भयाणं । जगबंधव-जगसत्थवाह- वंदु जिण सव्वेवि । जावंत चेइयाई सव्वाई ताइं वंदे-सव्वजिणाणं वंदे । तिन्नाण तारयाणं, बुध्धाण बोहयाणं सव्वे तिविहेण - वंदामि । वंदे जाइजरामरणसोगपणासणस्स-देवाधिदेवं वंदे । जावंत अक्खुयार-चरिता साहू-सव्वेसिं तेसिं पणओ । जावंत के वि साहू ते सव्वे सिरसा मणसा मत्थश्रेण वंदामि । धम्मो मंगलमुक्कि - अहिंसा संजमो तवो । जिण सासणस्स सारो एगो नवकारो-जिण वयणे आयरं कुणह । अनुमोदगा : नेमिपेमी आराधग मंडला- मुंबई - पूणा नयर For Private & Personal Use Only U www.jainelibrary.org
SR No.005122
Book TitleBahumukhi Pratibhaono Kirti Kalash Swapn Shilpio
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNandlal B Devluk
PublisherArihant Prakashan
Publication Year2010
Total Pages820
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size40 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy