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लेखाङ्क: - १९ ।
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भार्या राजू पुत्र से॰ राजा पुत्र सं० साईआ भार्या नाकू पुत्र सं ० जोगी भार्या ' जसमादे पु० श्रीश जयतीर्थयात्राविधान संप्राप्तसंघपतितिलक नवीनजिन भवनबिंबसा धर्मिक वात्सल्यादिधर्मक्षेत्रोप्तस्ववित्त सं० सोमजी भार्या राजलदे पुत्ररत्न संघपति [हू] पजी केन पितृव्य शिवा लालजी स्ववृद्धभ्रातृरत्न रत्नजी [ पु० ] सुं[ दरदास ] स्वलघुभ्रा पाजा सुत रावजी पितामहभ्रातृ सं० नाथा पुत्र सूरज स्वपुत्र उदयवंत प्रमुखपरिवारसहितेन स्वयंसमुद्धारितसमाकारश्रीविमलाचलोपरि मूलोद्धारसारचतुर्मुखविहार
रहार श्री आदिनाथविवं कारितं प्रतिष्ठितं च श्रीमहावीरदेवाविच्छिन्नपरंपरायात श्रीबृहत्खरतरगच्छाधिराज श्री अकबरसाहिमतिबोधक तत्प्रदत्तयुगप्रधानविरुदधारकषाण्मासिकाभयदानदायक सकलदेशाष्टाह्निकामारिप्रवर्त्ताविकयुगप्रधान श्री जिन चंद्रसूरि मंत्रिमुख्यकर्मचंद्रकारित श्रीअकबरसाहिसमक्षस पादशतलक्षवित्तव्य यरूपनंदिपदमहोत्सवविस्तारविहित कठिन काश्मीरादिदेश विहारमधुरतरातिशायिस्ववचनचातुरीरंजिताने हिंदुक तुरष्कराजाधिप श्रीअ - कबर साहि श्रीकार श्री पुरगोलकुंडा गज्जंणाप्रमुखदेशामारिप्रवर्त्ताविकवर्षावधिजलधिजलजंतुजातघातनिवर्त्ता व कसुरताणनूरदी जहांगीर सवाई प्रदत्त युगप्रधान पदधारक सकलविद्यामधानयुगप्रधान श्रीजि - नसिंहरि पट्टमभावक श्री अंबिकावरमवाचितधंघाणीपुरप्रकटितचिरंतनप्रतिमा प्रशस्तिवर्णीत रवोहित्यवंशीय सा० धर्मसी धारलदे नंदन भट्टारकशिरोमणि श्रीजिनराजसूरि सूरिपुरंदरैः ॥ आचार्य श्री जिनसागरसूरि श्रीजयसोममहोपाध्याय श्रीगुणविनयोपाध्याय श्रीधर्मनिधानोपाध्याय पं० आनंदकीर्त्ति स्वलघुभ्रातृ वा० भद्रसेन पं० राजधीर पं० भुवनराजादिसत्परिकरैः ॥
(एपिग्राफिमा इण्डिका-२/६३ )
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