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શ્રીચતુર્થસ્તુતિનિર્ણય ભાગ-૧ (५०) उत्५२४२ ॥५७ साभाया :
पुव्वोलिंगीया पडिकमण सामाचारी पुणएसा। सावउ गुरुहिसमं, इक्को वा जावंति चेइयाई ति गाहा ॥
दुगथुत्तिपणिहाण वज्जं चेइयाई वंदितु चउराइ खमासमणेहिं आयरियाई वंदिय भूनिहियसिरो सव्वस्स देवसिय इच्चाइ दंडगेण सयलाइयार मिच्छुक्कडं दाउं उठिय सामायिय सुत्तं भणिउं इच्छामि ठाइउं काउस्सग्गमिच्चाइ सुत्तं भणिय पलंबिय भुय कुप्पर धरियनाभिअहो जाणुढे चउरंगुल ठविय कडियपट्टो संजइ कविठाइ दोसरहिअं काउस्सग्गं जंकाउं जहक्कम दिणकए अइयारे हियए धरिय नमोक्कारेण पारिय चउवीसं पहिलेहणाउ काउं काए वितत्तियाउ चेव कुणइ । साविया पुण पिठि सिरहिययवज्जं पन्नरसकुणइ । उठिय बत्तीसदोसरहियं पणवीसावस्सय मुठं किइकम्म काउं अवणयंगो करजुयविहि धरिय पुत्तीदेवसियाइयाराणं गुरुपुरउ वियडणत्थं आलोयण दंडगं पढइ । तउ पुत्तीए कठीसणं पाउंछणं वा पडिलेहि वामं जाणु हिठा दाहिणं चउर्ल्ड काउं करजुय गहिय पुत्तिसम्म पडिक्कमण सुत्तं भणइ । तउ दव्व भावुठिउ अब्भुठिउमि इच्चाइ दंडगं पढिता वंदणं दाउं पणगाइ सुजइ सुत्तिनिखामित्ता सामन्न साहू सुपुण ठवणायरिएण समं खामणं काउं तउ तिन्नि साहू खामित्ता पुणो की कम्मं काउं उद्धडिउ सिर कयंजेली आयरिय उवज्जाए इच्चाइ गाहातिगं पढित्ता सामाइयसुत्तं उस्सग्गदंडगं च भणिय काउस्सग्गे चारित्ताइयारसुद्धिनिमित्तं उज्जोपदुगं चिंतेइ । तउ गुरुणा पारिए पारित्ता संमत्तसुद्धिहेउं अज्जोयं पढिय सव्वलोय अरहंतचेइयाराहणुस्सग्गं काउं उज्जोयं चिंतिय सुय सोहि निमित्तं पुक्खरवरदीवर्ल्ड कट्टिय पुणो पणवीसुस्सासं काउस्सग्गं काउं पारिय सिद्धत्थवं पढित्ता सुयदेवयाए काउस्सग्गे नमोक्कारं चिंतिय तीसे थुइ देइ सुणेइ वा ॥ एवं खित्तदेवयाए वि काउस्सग्गे नमोक्कारं चिंतिउणपारिय तत्थुई दाउं सोवा पंचमंगलं पढिय संडासए पमज्जिय उवविसिय पुव्वं व पुत्तिं पहिय वंदणं दाउं इच्छामि अणुसटुिंति भणिय जाणूहि वाउं वड्डमाणक्खरस्सरा तिन्निथुईइ पडिय सक्कत्थयं सुत्तं च भणिय आयरियाई
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