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थयो
पापी
नीज
वीना
थया
५५६ गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति नाम नाम
क्रि० क्रि० स्वामी
जै (जईने) मेहेली ( मेली) पांडव साथे तहमो
बलीनि (बळीने) ये हेलामात्र
का मारीश मोझार्य
जाओ नीर्मो तमनि (-ने) शेवक
किहिजो बिठा अहमारो त्यारि शर्ण्य अमारे (-२)
आणी थया माहादेवतणित्रीपुरार्य सकि (शके) पड्या
आव्या हवो (थयो) वृत्तांत
स्तव्यां टाल्यू अधीको
कर्य (कर) लोहमि (लोहमय) देत्य
क! वीध्याता(विधाता) ब्रह्मानिं (-ने)
करो करवू कोणि (कोणे) जेजेकार ब्रह्मानि
सांभल्य (-ल) मुक्ष (मुख्य) अमरनी हणाए ( हणाय) कयूं न जाय ततषेव एकाग्रपणि बांहा (बाहु)
वरत्यो त्यारि
शीव प्रसंन
हणवा भोगवि माहादेव
हौआ ( थया) अमरत' श्रव (सर्व)
आणी जोयूं तेहनो ते माटि
दीसि (से) तम विना श्रव (सर्व) कर्णतणु रच्यो कहावि (-वे) अह्मो
अतीहास पूरवा नावि (न-आवे)
थाय
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कर्या
त्रण्ये
संचर्या
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