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व्याख्यान चोथु
सोळमो अने सत्तरमो सैको १८१ हवे आपणे सोळमा अने सत्तरमा शतकनी गुजरातीनी कृतिओ तपासी जोईए.
सोळमा सैकाना प्रसिद्ध कवि लावण्यसमय ( जैन ), कविराज सोलमो को नरसिंह महेता, पद्मनाभ, भीम-बीजो, अने लावण्यसमय मांडणनी कृतिओ अहीं लीधेली छे अने सत्तरमा (जैन) नरसिंह, सैकाना सिद्धिचंद्र ( जैन ), विष्णुदास अने पद्मनाभ, भीम नाकरनी कृतिओनो अहीं ऊतारो करेलो छे.
बीजो, मांडण
ए कतिओमां फक्त एक विष्णुदा
सैको सिद्धिचंद ऊतारो हस्तलिखित चोपडा ऊपरथी करेलो छे. (जैन)विष्णुदास बाकीनी बधी कृतिओ मुद्रित छे अने ते मुद्रणमां अने नाकरनी पाठनी गरबड प्रायः नथी, एवी खात्री जणायाथी कृतिओ
ते बधी मुद्रित कृतिओने उपयोगमा लीधी छे. तेमां फक्त एक सिद्धिचंद्रनी कृति गद्यरूप छे. उक्त लावण्यसमयथी मांडीने नाकर सुधीना तमाम कविओनो समय अहीं आपेली ते ते कृति
ओने प्रांतभागे आपेलो छे अने जेमनो समय कृतिने प्रांतभागे नथी लेवायो तेमनो समय बीजां अनेक पुष्टप्रमाणोथी सुनिश्चित छे एथी ए कविओना समय विशे कशुं लखवापणुं रहेतुं नथी अने तेमने लगता बीजा परिचयनी अहीं अपेक्षा नथी.
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