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________________ ५२० गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति पुहतउ श्रेणी सुगंधीतणी राजवस्त्र मेली रेवणी । लांषइ केसर नइ कपूर वास्यां तेल वहाव्यां पूर ।। ३६ ॥ तीणइ दीठइ दोसी दडवडइ पारिषिनइ पगि पीडी चडइ । फडीया फोफलीया सूनार नाठा लोक न जाणइ सार ॥ ३७ ॥ हाटमांहि हउं हालकुलोल किरि कमलावति करइ कलोल । पोता लाष्या पारिषितणां कापडि सरिस किरियाणा घणां ॥३८॥ एकि अटगलि मालि गढि चड्या इकि पाधरि दस दिसि दडवड्यां। इकि छावडां अछइ छडछोक ते सीकिइ थ्या लूसइ लोक ॥३९॥ आगइ पंचायण पाषरिउ आगइ पन्नग पंषावरिउ । आगइ गज अंगि ज मदरूत वलि वारुणी भवि थिउं भूत ॥४१॥ सुंडाहल पूरइ परचंड दंतूसल जाणे जमदंड । पाडइ विसमा पोलि प्रसाद नर-नरिंद उतारइ नाद ॥ ४२ ॥ पाधडीतव आविउ धाइउ ते नारीभरतार बुंबारव पण करइ अपार । कोइ सुभट शूर साहसिक शुद्ध कोइ धीरवीर वंसह विशुद्ध ॥५१॥ कोइ जाइउ चउदिसि चपल अंग कोइ अकल अटल आहवि अहंग। कोइ खित्तीय षलषंडणसमत्थ को अछइ छयल्ल खिति खग्गह हत्थ ॥५२॥ तव धायु धबड धसमसंत किरि आवइ केसरि कसकसंत । बर्बरीय झांटि झटकइ कवालि वलकलिउ वटाणु थिउ भ्रुकुटि भागि ॥५३॥ गडअडिउ गयंदु कि पडिउ पन्व सुर अंतरिषि पेक्खि अपुव्व । जयजयशब्दु जंपइ जगत पड्ड वच्छ अच्चरिउ पेक्खि पुत्त ॥ ५६ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only ___www.jainelibrary.org
SR No.004874
Book TitleGujarati Bhashani Utkranti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherMumbai University
Publication Year1943
Total Pages706
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, History, & Grammar
File Size22 MB
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