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________________ चौदमा अने पन्दरमा सैकानुं पद्य तथा गद्य ४९९ (२) जिनपद्मसूरि-चौदमो सैको सिरिथूलिभदफागु (प्राचीन गुर्जरकाव्यसंग्रह, वडोदरा) पणमिय पास जिणंद पय अनु सरसइ समरेवी । थूलिभद्द मुणिवइ भणिसु फागुबंधि गुण केवी ॥ १ ॥ अह सोहग सुंदर रूववंतु गुणमणिभंडारो । कंचण जिम झलकंतकंति संजमसिरिहारो । थूलिभद्दमुणिराउ जाम महियलि बोहंतउ । नयररायपाडलियमाहि पहुतउ विहरंतउ ॥ २ ॥ वरिसालइ चउमासमाहि साहू गहगहिया । लियइ अभिग्गह गुरह पासि नियगुणमहमहिया । अज्जविजयसंभूयसूरि गुरु वय मोकलावइ । तसु आएसि मुणीस कोसवेसाघरि आवइ ॥ ३ ॥ मंदिर तोरणि आवियउ मुणिवरु पिक्खेवी । चमकिय चित्तिहि दासडिय वेगि जाइ वधावी । वेसा अतिहि उतावलीय हारिहि लहकंती। आविय मुणिवररायपासि करयल जोडंती ॥ ४ ॥ भास-धर्मलाभु मुणिवइ भणि सु चित्रसाली मंगेवी । रहियउ सीहकिसोर जिम धीरिम हियवि धरेवी ॥ ५॥ झिरिमिरि झिरिमिरि झिरिमिरि ए मेहा वरिसंति । खलहल खलहल खलहल ए वहिला वहति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004874
Book TitleGujarati Bhashani Utkranti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherMumbai University
Publication Year1943
Total Pages706
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, History, & Grammar
File Size22 MB
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