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बारमा अने तेरमा सैकानुं पद्य सिसिरम्मि निवाय घर-ऽग्गिसयडि घणघुसिणतेल्ल बहुवत्थ सवडि। चंदणरस कुसुमजलावगाह धारागिहि गिंभि महेइ नाह ! ॥ १३ ॥ पाउसि पयपंकपसंग त? (तड्डु ? ) वंछइ अच्छिद भवणयलु लद्ध । जइ कुणइ विविह विसयाणुवित्ति तेह वि हु न एहु पावेइ तित्ति ॥ १४ ।। एक वि फासिंदिउ बुहयण निंदिउ
करइ किंपि दुच्चरिउ तिहि । नाणाविहु जम्मिहि पीडिओ कम्मिहि
___ सहसि विडंबण सामि जिह ॥ १५॥ तह भक्खाभक्खविवेयमूद रसविसयगिद्धिदोलाधिरूढु। अविभाविय पेयापेयक्थु रसणु वि कुणेइ बहुविहु अणथु ॥ १६ ॥ जं हरिण-ससय-संबर-वराह वणि संचरंत अकयावराह । तण-सलिलमित्त संतुट्ठ चित्त मम्मररवसवणुब्भंतनेत्त ॥ १७ ॥ हिंसंति के वि मिगयापयट्ट पसरंतनिरंतरतुरयघट्ट । करकलियकुंतकोदंडबाण संसयतुलरोवियनिययपाण ॥ १८ ॥
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