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बारमा अने तेरमा सैकानुं पद्य
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अमियमहुरदेसणरसिण भवियण-रुखडुलाई जिंव सिंचइ मुणिचंदसुरि तिअं तु वि कुविकाई (?)॥ ३ ॥ वक्खाणंतओ जिणवयणु सिरिमुणिचंद मुणिंद । चउदिसि मुणिपरिवारियओ नावइ पुन्निमचंदु ॥ ४ ॥ जिणि छटुंमिमाइतवि सोसीउ इंहु नियदेहु । वरकरुणाजल–णीरुनिहि सो गुरु मुणिसुरि लेहु ॥ ५ ॥ जो विहिपक्खसमुद्धरणु पंचमहव्वयधारु । सो नंदउ मुणिचंदसुरि जिणि वूहउ तवभारु ॥ ६ ॥ मेरुहु जिंव थिर मञ्झ गुरु सायरु जिम्व गंभीरु । सिरिमुणिसुरि तवनाणनिहि जच्चसुवन्नसरीरु ॥ ७ ॥ जं संसारमहाडविहिं निवडिय-जण-सत्थाहु । सो गुरु मुणिसुरि सुमरियई सरणविहीणहं नाहु ॥ ८ ॥ जिंव तारयहं पयनु ससि सेलहं मेरु पहाणु । तिंव सूरिहिं मुणिचंद सुणि ( सूरि ? ) गरुयउ निज्जियमाणु ॥९॥ मोहमहाचलि कुलिससमु सुयजलपूरियपारु । सुविहिय मुणिसुरिसेहरउ मुणिसुरि बालकुमारु ॥ १० ॥ ता मज्जहिं परतित्थिय मा (जा) न वि कोइ कहेइ । जिणसासणि उज्जोयकरु मुणिसुरि एत्थु वसेइ ॥ ११॥ ते धन्ना परि गावडां जहिं विहरइ मुणिसूरि । हरइ मोहु फेडइ दुरिउ संसओ प्पलइ दूरि ॥ १२॥ कुंददलुजलजसपसर धवलिय सयल तिलोय । कम्मपयडिपयडणपवणु मुणिसुरि नमहु असोओ॥ १३ ॥ जिण कुग्गह फेडिय नरहं पयडिवि निम्मलनाणु । सो मुणिसुरि महु-माइगुरु अइमणहरसंठाणु ॥१४॥
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