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बहुत - बहुत - घणा लेवा-लेवा माटे
चालीउ - चाल्यो
पासि-पासे गयउ गयो
अंगमइ - अंगमे
हू-हूयुं -- थयुं
पालतां - पालतां पाछिलडं-पाछलो छेलो प्रभवउ - प्रभवो (नाम)
पढाई - पढे
संभलई - सांभळे भगइ-भणे- कहे
बारमो अने तेरमो सैको
रेवंतगिरे - रेवतगिरि नो
रासुरास
सुमरेवि - समरी
चिंतउ-चिंतो-चिंतवो
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जे-जे
छासठए-छासठे विज्जावि - विद्यादेवी बसाउ - बेसा - बेसाड्यो
पाटि - पाढे
गणगणे
तेरमा सैकाना
विजय सेनसूरिना ( ३ ) विजयसेनसूरि रेवंतगिरिरास
शब्दो
पणमेव प्रणमी
भणिसु-भणिशुं
पामिसिहं - पामशे
धामीउ - धमी- धार्मिक
रातिदिवस- रातदिवस
नीपनूं- नीपन्युं नीपज्यं
सोलह-सोळ
पणास - प्रनाशो - नाश करो
| दंसणु-दर्शन माटे
| देसदेसंतरु- देशदेशांतरनो, देशदेशांतरथी
आवइ - आवे छे
पोरुयाड - पोरवाड
३११
गुरजरधर - गुजरातनी भूमि
२९४ वर्तमानमां केटलाक लोको पोतानी ओळखाण 'धामी' शब्दद्वारा आवे छे. मने लागे छे के प्रस्तुत 'धामी' अने ओडकवाचक 'धामी' ए बन्ने शब्दो एक छे.
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