________________
गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति मणहरु-मनहर
धवलकि-धोळकामां सोरठदेसु–सोरठदेस
बिहु-बेउ बंधवि-बांधवे
वायइ-वाय छे सूमू-सुषम-सत्ययुग
वाउ-वायु-वा दूसममाझि-दुष्षमकाळमाहि तक्खणि-टांकणे धरिउ-धर्यो
तुट्टइ-तूटे बिहु नरपवरे-बन्ने प्रवर नराए- गुंजारव-गुंजारव उत्तम पुरुषोए
कराविउ-कराव्यु भाउ-भाव
अहिणवू-नवू कारिउ-कारव्युं-कराव्यु
नियनाउं–निजनाम गढवाढ मढ-मठ-माढ-मेडी
चंदरु-चंदर
लिहाविउ-लखाव्यु घरि-घरे-घर वडे
पुत्तलिय-पूतळी आरामि-आराम वडे
कलस-कलश-कळश्यो तहि पुरि-ते पुरमां-नगरमां मंडपु-मंडप संठाविओ-संठव्यो-संस्थाप्यो तोरण-तोरण सुरठ-सोरठ
रुणझणि-रणझण भरावीय-भरावी भाउ-भाई-भाउ
उद्धरिउ-ऊधयु जसि-जस वडे
दालिधु (दु?)-दलदर पाग-पगथियां
गलइ-गळे छे ऊडई-ऊडे
झलहलइ-झळहळे छे ओहट्टए-ओटे छे-ओट थाय छे- कसमीर-काश्मीर देश
ओछं थाय छे
पव
।
परब
परव
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
___www.jainelibrary.org