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गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति
बीजी-बीजी सुक-सूकुं
जाणीइ-जाणीये चोरतु-चोरतो जणणी जाइउ-जननी जायो कोई-कोई नयणे-नयणे छुटूं-छुट्यु खमि-खम-क्षमा कर अम्हे-अमें (तृ०) संतावीया-संताप्या, सताव्या कोणी-कोणिक पनुती-पनोती माइ-माई-मा जिणि जेणे जाईउ-जायो-पेदा थयो मोकलावी-मोकलावी लेइशउं-लेशुं वइराग-वइराग-वैराग्य अम्ह-अमने अथवा अमे बोलीइ-बोलीए मेल्ही-मेली-छोडी अहइ-आठे
| साचउ-साचो भडिवाउ-भटवाद-'हुँ भट-शूर
छु' एबुं बोलवू नवाणवइ-नवाणुं-नव्वाणुं हुउं-हूयुं–थयु इणि-एणे दीठउ-दीठो मेल्हतउ-मेलतो छोडतो तम्हे-तमे भलई-भले अछजिउ-अछजो-छो-रहेजो झूझ-झूझ-युद्ध झूझसिउं-झूझीश वहूयर-वहूवारु माइबप्पो-माबाप कहं-कहे घरहूंतु-घरेथी नींसरइ-नीसरे चालीउ-चाल्यो -साथ-साथ भाद्रवए-भादरवे कसकेरी-कोनी परिहरए-परिहरे अनइ-अन्य-अने
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