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बारमो अने तेरमो सैको
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(३) हेमचंद्र | वलया-बलोयां हेमचंद्रना शब्दो
फुट-फुट्यां एइ-ए
'तडत्ति-तड' दईने एह-ए
भग्गउं-भांग्यु घोडा-घोडा
पसरिअउं–पसर्यु जाणीअइ-जाणीए
करि-करे-करमां-( हाथमां ) वालइ-वाळे
कप्पिजइ-कापीजे केसरि केसरी
माहउ-माह-माघ मास लहइ-लहे-ल्ये-लिए
सत्थरि-साथरे-(पथारीए) लक्खेहिं-लाखोए-लाखोथी मग्गसिरु-मागशर कडु-कडु-कडवू
वलहउँ-वालहुं-वालं गोवइ-गोवे-गोपे (गुप्त राखे ) तडप्फडइ-तडफडे-तरफडे अप्पणा-आपणा
हत्थि हायें हाथे अग्गिएं-आगे-आगे-अम्निए मोक्कलडेण-मोकळे वाएं-वाए-(पवनने लीधे ) आवइ-आवे के केम
तुज्मु-तुज आणहि-आण ( लाव) मझु-मज-मुज तो वि-तो बी
भण-भण (कहे) घर-घर
सणेही–सनेही-स्नेही कज्जु-काज
मुइअ-मुई ( मरेली) देक्खु-देखो
जीवइ-जीवे गय–जोनां
पयारेहि-परे उड्डावंतिअए उडावतीए-उडाडतीए गइअ-गई अद्धा-आधा-अरधा | गजहि-गाजे हे-गाजे छे
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