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________________ शतक ९.-उद्देशक ३२. भगवत्सुधर्मस्वामिप्रणीत भगवतीसूत्र. १४१ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होजा; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा; जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा । अहवा पगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा; एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभार एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा । अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा; जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा । अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होजा, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा। अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा; अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा; जाव अहवा एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा । अहवा एगे सकरप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा; जाव अहवा एगे सकरप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा। अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होजा; अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा; अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा । अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा; अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे तमाए होजा; अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा। अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होजा; अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए विकसयोगी पाधीश विकल्पो. - १ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां अने एक वालुकाप्रभामां होय. २ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां अने एक पंकप्रभामां होय. यावत् ५ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां अने एक अधःसप्तम पृथिवीमां होय. [३ एक रत्नप्रभामा एक शर्कराप्रभामां अने एक धूमप्रभामां होय. ४ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां अने एक तमःप्रभामां होय. ५ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां अने एक तमःतमाप्रभामां होय. ए प्रमाणे रत्नप्रभा साथे पांच विकल्प थाय.] १ अथवा एक रत्नप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक पंकप्रभामा होय. २ अथवा एक रत्नप्रभामां एक वालुकाप्रभामां अने एक धूमप्रभामा होय. ए प्रमाणे यावत् ४ अथवा एक रत्नप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक अधःसप्तम पृथिवीमां होय [३ एक रत्नप्रभामां एक वालुकाप्रभामां अने एक तमःप्रभामां होय. ४ अथवा एक रत्नप्रभामां एक वालुकाप्रभामां अने एक तमःतमःप्रभामा होय. ए प्रमाणे शर्कराप्रभाने छोडीने चार विकल्प थाय.] १ अथवा एक रत्नप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक धूमप्रभामां होय. यावत् ३ अथवा एक रत्नप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक अध:सप्तम पृथिवीमां होय. [२ अथवा एक रत्नप्रभामा एक पंकप्रभामां अने एक तमःप्रभामां होय. ३ अथवा एक रत्नप्रभामा एक पंकप्रभामां अने एक तमःतमःप्रभामां होय. ए रीते वालुकाप्रभा छोडीने त्रण विकल्प थाय.] १ अथवा एक रत्नप्रभामां एक धूमप्रभामां अने एक तमःप्रभामा होय. २ अथवा एक रत्नप्रभामां एक धूमप्रभामां अने एक अधःसप्तम पृथिवीमा होय. [एम पंकप्रभाने छोडीने बे विकल्प थाय.] १ अथवा एक रत्नप्रभामां एक तमःप्रभामां अने एक अधःसप्तम पृथिवीमा होय. [ए एक विकल्प धूमप्रभा छोडीने थाय. ए प्रमाणे रत्न० ना ५-४-३-२-मळीने पंदर विकल्प थाय छे.] १ एक शर्कराप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक पंकप्रभामा होय. २ अथवा एक शर्कराप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक धूमप्रभामां होय. यावत् ४ अथवा एक शर्कराप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक अधःसप्तम नरकमां होय. [३ एक शर्कराप्रभामां एक वालुकाप्रभामां अने एक तमःप्रभामा होय. ४ अथवा एक शर्कराप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक तमःतमःप्रभामा होय. एम शर्कराप्रभा साथे चार विकल्प थाय.] १ अथवा एक शर्कराप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक धूमप्रभामा होय. यावत् ३ अथवा एक शर्कराप्रभामा एक पंकप्रभामां अने एक अधःसप्तम नरकमां होय. [२ एक शर्कराप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक तमःप्रभामां होय. ३ अथवा एक शर्कराप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक तमःतमःप्रभामा होय. एम वालुकाप्रभाने छोडीने त्रण विकल्प थाय.] १ अथवा एक शर्कराप्रभामा एक धूमप्रभामां अने एक तमःप्रभामा होय. २ अथवा एक शर्कराप्रभामां एक धूमप्रभामां अने एक अधःसप्तम नरकमां होय. [एम पंकप्रभाने छोडीने बे विकल्प थाय.] १ अथवा एक शर्कराप्रभामां एक तमःप्रभामां अने एक अधःसप्तम नरकमां होय. [ए रीते धूमप्रभाने छोडीने एक विकल्प थाय.] ए प्रमाणे शर्करा० ना ४-३-२-१ मळीने दश विकल्पो थाय छे.. १ अथवा एक वालुकाप्रभामा एक पंकप्रभामां अने एक धूमप्रभामां होय. .२ अथवा एक वालुकाप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक तमःप्रभामां होय. ३ अथवा एक वाट्काप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक अधःसप्तम नरकमां होय. [ए रीते वालुका० साथे त्रण विकल्प थया..] १ अथवा एक वालुकाप्रभामां एक धूमप्रभामां अने एक तमामां होय. २ अथवा एक वालुकाप्रभामां एक धूमप्रभामा अने एक अधःसप्तम नरकमां होय [पंक० छोडीने बे विकल्प.] १ अथवा एक वालुकाप्रभामा एक तमामा अने एक अधःसप्तम नरकमां होय. [ए एक विकल्प मळी वालुका० साथे छ विकल्प थया.] १ अथवा एक पंकप्रभामा एक धूमप्रभामां अने एक तमःप्रभामां होय. २ अथवा एक पंकप्रभामा एक धूमप्रभामां अने एक अधःसप्तम नरकमां होय. ३ अथवा एक पंकप्रभामां एक तमःप्रभामा . वालुयए क-ख। २ वालुयाए ङ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.
SR No.004642
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherDadar Aradhana Bhavan Jain Poshadhshala Trust
Publication Year
Total Pages422
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size15 MB
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