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१४२ श्रीरायचन्द्र-जिनागमसंग्रहे
शतक ९.-उद्देशक ३२. एगे अहेसत्तमाए होजा; अहवा एगे चालुयप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा; अहवा एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होजा; अहवा एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा; अहवा एगे पंकप्पभाए पुगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा; अहवा एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा।
१४. [प्र०] चत्तारि भंते ! नेरइया नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होजा?-पुच्छा। उ० गंगेयार: रयणप्पभाए वा होजा, जाव अहेसत्तमाए वा होजा ।
अहवा एगे रयणप्पभाए तिन्नि सक्करप्पभाए होजा; अह्वा एगे रयणप्पभाए तिन्नि वालुयप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए तिन्नि अहेसत्तमाए होजा । अहवा दो रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए होजा; एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए दो अहेसत्तमाए होजा । अहवा तिन्नि रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए होजा; एवं जाव अहवा तिन्नि रयणप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा । अहवा एगे सकरप्पभाए तिन्नि वालुयप्पभाए होजा; एवं जहेव रयणप्पभाए उवरिमाहिं समं चारियं तहा सक्करप्पभाए वि उवरिमाहिं समं चारेयवं; एवं एक्केकाए समं चारेयचं, जाव अहवा तिन्नि तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा ६३ ।
अहवा. एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए दो वालुयप्पभाए होजा; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए दो पंकप्पभाए होजा; एवं जावे एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए दो अहेसत्तमाए होजा । अहवा एगे रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए
अने एक अधःसप्तम नरंकमां होय. [एम पंक० साथे त्रण विकल्प थया.] १ अथवा एक धूमप्रभामां एक तमःप्रभामां अने एक अधःसप्तम नरकमां होय. [धूम० साथे एक विकल्प थयो. १५-१०-६-३-१-ए बधा मळीने त्रिकसंयोगी पांत्रीस विकल्प थया. ए प्रमाणे त्रण नैरयिकोने आश्रयी एक संयोगी ७, द्विकसंयोगी ४२, अने त्रिकसंयोगी ३५ मळीने कुल ८४ विकल्प थाय छे.]
१४. प्र०न हे भगवन्! नैरयिकप्रवेशनकवडे प्रवेश करता चार नैरयिको शुं रत्नप्रभामां होय !-इत्यादि प्रश्न [उ०] हे गांगेय! ते चारे १ रत्नप्रभामां पण होय, अने यावत् ७ अधःसप्तम पृथिवीमां पण होय. [ए प्रमाणे एकसंयोगी सात विकल्प थया.]
पार नैरयिको.
विकसयोगी प्रेसठ
विकल्पो.
१*अथवा एक रत्नप्रभामां अने त्रण शर्कराप्रभामां होय. २ अथवा एक रत्नप्रभामां अने त्रण वालुकाप्रभामां होय. ए प्रमाणे यावत् ६ अथवा एक रत्नप्रभामां अने त्रण अधःसप्तम पृथिवीमां होय. [एम १-३ ना छ विकल्प थया.] १ अथवा बे रत्नप्रभामां अने बे शर्कराप्रभामा होय. ए प्रमाणे यावद् ६ अथवा बे रत्नप्रभामां अने बे अधःसप्तम पृथिवीमां होय. [ए प्रमाणे बीजी रीते २-२ ना छ विकल्प थया.] १ अथवा त्रण रत्नप्रभामां अने एक शर्कराप्रभामां होय. ए प्रमाणे यावत् ६ अथवा त्रण रत्नप्रभामा अने एक अधःसप्तम पृथिवीमा होय. [ए त्रीजी रीते ३-१ ना छ विकल्प थया. ए प्रमाणे रत्नप्रभानी साथे अढार विकल्प थाय छे.] १ अथवा एक शर्कराप्रभामां अने त्रण वालुकाप्रभामा होय. ए प्रमाणे जेम रत्नप्रभानो उपरनी नरकपृथिवीओ साथे संचार (योग) कर्यो तेम शर्कराप्रभानो पण उपरनी नरकपृथिवीओ साथे संचार करवो. एवी रीते एक एक नरक पृथिवीओ साथे योग करवो. यावत् अथवा त्रण तमामा अने एक अधःसप्तम नरकमां होय.
१ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां अने बे वालुकाप्रभामा होय. २ अथवा एक रत्नप्रभामा एक शर्कराप्रभामां अने बे पंकप्रभामा होय. ए प्रमाणे यावत् ५ एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां अने बे अधःसप्तम नरकपृथिवीमा होय. [ए रीते १-१-२ ना
त्रिकर्मयोगी
विकल्पो.
वालुयाए । २ पंकाए । ३ धूमाए ङ। ४ जाव भहवा ए-ङ। ..
१४. * चार नैरयिकना १-३, २-२, ३-१-ए प्रमाणे द्विकयोगी त्रण विकल्प थाय छे. तेमा रत्नप्रभा साथे बाकीनी पृथिवीओनो योग करता १-३ ना छ भांगा, ए प्रमाणे २-२ ना छ, अने ३-१ ना छ-ए रीते अढार भांगा थाय छे. शर्कराप्रभानी साथे ते प्रमाणे त्रण विकल्पना ५-५-५ मळीने पंदर विकल्प थाय छे. एम वालुकाप्रभानी साथे ४-४-४ मळीने वार विकल्प, पंकप्रभानी साथे ३-३-३ मळीने नव विकल्प, धूमप्रभानी साथे २-२-२ मळीने छ विकल्प अने तमःप्रभानी साथे १-१-१ मळीने त्रण विकल्प-सर्व मळीने द्विकसंयोगी ६३ विकल्पो थाय छे. तेमां रत्नप्रभाना अढार भांगाओ उपर मूळ अनुवादा कह्या छे. ए प्रमाणे शर्कराप्रभा साथे आगळनी पृथिवीओनो योग करता १-३ ना पांच विकल्प थाय छे. जेम के एक शर्करामां अने त्रण वालुकामां होय.ए रीते २-२ ना पण पांच विकल्प थाय छे. जेम के बे शर्करामां अने बे वालुकामां होय. ते प्रमाणे ३-१ ना पण पांच विकल्प थाय.जेम के त्रण शर्करामां अने एक वालुकामां होय. आ रीते शर्कराप्रभाना पंदर विकल्प थाय. वालुकाप्रभा साथे पंकप्रभादि पृथिवीओनो योग करतां चार विकल्पो थाय, तेने पूर्वोत त्रण विकल्प साथे गुणतां बार विकल्प थाय. तेमज पंकप्रभा साथे धूमप्रभादिनो योग करतां त्रण विकल्प थाय, तेने पूर्वोक्त त्रण विकल्प साथे गुणतां नव विकल्प थाय. धूमप्रभा साथे तमःप्रभादिनो योग करता बे विकल्प थाय, तेने त्रण विकल्प साथे गुणता छ विकल्प थाय. 'तमःप्रभा साथे तमःतमःप्रभानो योग करता एक विकल्प थाय, तेने पूर्वना त्रण विकल्प साथे गुणतां त्रण विकल्प थाय. ए रीते आगळनी पृथिवीओनो योग करता उपर कह्या प्रमाणे रत्नप्रभाना १८, शर्कराना १५, वालुकाना १२, पंकप्रभाना ९, धूमप्रभाना ६, भने तमःप्रभाना ३ विकल्पो मळीने चार नैरयिकना द्विकसंयोगी त्रेसठ विकल्पो (भांगाओ) थाय छे.
चार नैरयिकना त्रिकसंयोगी १०५ विकल्पो थाय छे, ते आ प्रमाणे-चार नैरयिकना १-१-२,१-२-१ अने २-१-१-ए त्रण विकल्प थाय छे. हवे रत्नप्रभा अने शर्कराप्रभा साथे वालुकाप्रभादि आगळनी नरकपृथिवीओनो योग करतां पांच भांगा थाय छे, तेने पूर्वोक्त त्रण विकल्प साये गुणता पंदर भांगा थाय. एज प्रकारे त्रणे विकल्पोना रत्नप्रभा अने वालुकाप्रभा ए बन्नेनो बाकीनी बीजी पृथिवीओ साथे संयोग करतां कुल बार विकल्प थाय, रत्नप्रभा अने
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