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श्रीरायचन्द्र-जिनागम संग्रहे
९. उद्देशक ३२.
प्यार होना; जाय अहवा एगे सकरण्णभार एगे अससमाए होजा या एगे बालुप्यभार एने पंकभार होला एवं जाव अहवा एगे वालुवाप्यभार एगे अहेसत्तमाए होला एवं एकेका पुडवी उड़ेया जाय महवा एगे तमाए एगे असत माए होजा ।
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१३. [अ०] तिनि भंते! नेरइया नैरश्यपसणणं पचिसमाना कि रवप्यभार होजा, जाव आहेसत्तमार दोजा ? [30] गंगेया ! रयणप्पभार वा होजा, जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए होजा; जाव अहवा एगे रयणप्पभाए दो आहेसत्तमाए होजा । अहवा दो रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए होजा; जाव अहवा दो रयणप्पभाए एगे असत्समाए होजा अहवा पगे सारणभार दो वालुयप्यभाए होजा जाय अदया एगे सकरप्पभाष दो अहेरातमाए होजा | अहवा दो सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होजा, जाव अहवा दो सकरप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा । एवं जहा सकरप्पभाए वत्तवया भणिया, तहा सङ्घपुढवीणं भाणियां, जाव अहवा दो तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा ।
६ अथवा एक रत्नप्रभापृथिवीमां होय अने एक तमः तमः प्रभा पृथिवीमां होय. ए रीते रत्नप्रभा साथे छ विकल्प थाय छे.] १ अथवा एक शर्कराप्रमापृथिवीमां होय अने एक वालुकाप्रभापृथिवीमां होय. यावत् ५ अथवा एक शर्कराप्रभामां होय अने एक अधः सप्तम नरकपृथिवीमां होय. [२ एक शर्कराप्रमापृथिवीमां होय अने एक पंकप्रभापृथिवीमां होय, ३ अथवा एक शर्कराप्रभापृथिवीमां होय अने एक धूमप्रभा पृथिमां होय, ४ अथवा एक शर्कराप्रभापृथिवीमां होय अने एक तमः प्रभापृथिवीमां होय, ५ अथवा एक शर्कराप्रभापृथिवीमां होय अने एक तमः तमापृथिवीमां होय. ए प्रमाणे पांच विकल्प शर्वराामा साथै चाय छे.] १ अथवा एक वाकयभामां होय अने एक पंकप्रभागां होय. [२] अथवा एक बालुकाप्रभामां होय अने एक धूमप्रभामां होय, ३ अथवा एक खलुकाप्रभामां होय अने एक तमः प्रभामां होय. ] ए प्रमाणे यावत् ४ अथवा एक वालुकाप्रभामां होय अने एक अधः सप्तम नरकप्पृथिवीमां होय. ए प्रमाणे आगल आगलनी एक एक पृथिवी छोडी देवी, यावत् एक तमामां होय अने एक अधः सप्तम नरकमां होय. [ एटले वालुकाप्रभा साधे चार विकल्प थाय छे. १ अथवा एक पंकप्रभाम होय अने एक धूमप्रभामा होय. २ अथवा एक पंकप्रभागां होय अने एक तमः प्रभागां होय, ३ अथवा एक पंकप्रभामां होय अने एक तमःतमामां होय. ए रीते पंकप्रभा साथै म विकल्प थाय छे. १ अथवा एक धूमाभामां होय अने एक तमः प्रभागां होय, २ अथवा एक धूमप्रभामां होय अने एक तमः तमामां होय. ए प्रमाणे धूमप्रभा साथे बे विकल्प थाय छे. १ अथवा एक तमः प्रभामां होय अने एक तमतमाप्रभामां होय. ए रीते तमः प्रभा साथे एक विकल्प थाय छे *]
भण नैरबिको. एकसंयोगी सात विकल्पो. द्विक्संयोगी बेंता
१३. [प्र०] हे भगवन् ! नैरयिकप्रवेशनकवडे प्रवेश करता त्रण नैरयिको शुं रत्नप्रभामां होय के यावत् अधः सप्तम पृथिवीमां होय ? [उ०] हे गांगेय ! ते त्रण नैरयिको १ रत्नप्रभामां पण होय अने यावत् ७ अधः सप्तम पृथिवीमां पण होय. १ / अथवा एक रत्नप्रभामां अने वे शर्कराप्रभाम होय. यावत् ६ एक रनप्रभागां होय अने अधः सहम नरकमां होय. [ए प्रमाणे १-२ ना रत्नप्रभानी लीश विकल्पो. साथे अनुक्रमे बीजी नरकपृथिवीओनो संयोग करतां छ विकल्प थाय. ] १ अथवा वे रत्नप्रभामां अने एक शर्कराप्रभामां होय. यावत् ६
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रत्नप्रभाम होय अने एक अधः सप्तम नरकपृथिवीमां होय [ए प्रमाणे २-१ ना बीजा छ विकल्पो थाय.] १ अथवा एक शर्कराप्रभाम अने वे वालुकाप्रभामां होय. यात् ५ अथवा एक शर्कराप्रभामा अने ये अथः सप्तम नरकमां होय. [ए रीते १-२ मा पांच विकल्प चाय.] १ अथवा वे सर्वाप्रभामा अने एक वालुकाप्रभामां होय यावत् ५ अथवा वे शर्कराप्रभामां अने एक अधः सप्तम पृथिवीमां होय. [ए प्रमाणे २-१ ना पांच विकल्प थाय. ] जेम शर्कराप्रभानी वक्तव्यता कही तेम साते पृथिवीओनी कहेवी.. [ते आ प्रमाणे - १ एक वालुकाप्रभामां अने बे पंकप्रभामां होय. ए प्रमाणे यावत् ४ एक वालुकाप्रभामां अने बे तमतमापृथिवीमां होय. एवी रीते १-२ ना चार विकल्प थाय. १ अथवा बे वालुकाप्रभामां होय अने एक पंकप्रभामां होय. ए प्रमाणे यावत् ४ बे वालुकाप्रभामां होय अने एक तमतमामां होय. ए प्रमाणे २-१ मा चार विकल्प चाय १ अथवा एक पंकप्रभामां होय अने वे धूमप्रभामां होय. ९ प्रमाणे यावत् ३ एक पंक भामां होय अने वे तमःतमाप्रभामां होय. ए रीते १-२ ना त्रण विकल्प थाय. १ अथवा बे पंकप्रभामां होय अने एक धूमप्रभामां होय. एप्रमाणे यावत् ३ मे पंफप्रभामां होय अने एक तमतमामां होय. ए रीते २-१ ना त्रण विकल्प थाय १ अथवा एक धूमप्रभामां होय अने ने तमःप्रभामां होय. २ अथवा एक धूमप्रभामां होय अने बे तमतमाप्रभामां होय. एम १-२ ना बे विकल्पो थाय. १ अथवा बे धूमप्रभामां होय अने एक तमः प्रभा होय. २ अथवा मे धूमप्रभामां होय अने एक तमतमामां होय. एम २-१ ना वे विकल्प थाय १ अथवा एक तमः प्रभातं होय अने बे तमः तमाप्रभामां होय. ] यावत् १ अथवा वे तमः प्रभामां होय अने एक तमतमाप्रभामां होय. [ एम १२, २-१ ना बे विकल्प थाय. ] १२. मोने आश्रमी वियोगी (५-४-३-१-१गा महीने एकली भगाओ घाम छे, तेनी साधे एकोनी सात मांगा मेळवतां कुल अभ्यावीश भांगा थाय छे.
१३. + त्रणे नैरयिको रत्नप्रभादि साते नरकपृथिवीमां उत्पन्न थाय, माटे त्रण नैरयिकोने आश्रयी एकसंयोगी सात विकल्पो थाय छे.
+ ऋण नैरयिकना द्विकसंयोगी १-२ अने २-१-ए बे विकल्प थाय छे. तेमां १-२ ना रत्नप्रभानी साथे बीजी बधी पृथिवीओनो अनुक्रमे योग करतां छ विकल्पो थाय, अने तेवी रीते २-१ ना पण छ विकल्पो मळीने वार विकल्पो थाय. शर्कराप्रभा साथै पांच पांच मळीने दश, वालुकाप्रभां साथै आठ, पंक प्रभा साथै छ, धूमप्रभा साथे चार, अने तमःप्रभा साथै बे-ए प्रमाणे द्विकसंयोगी बेताळीश भांगाओ थाय छे.
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