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________________ काटा जा रहा है। घरेलु पशुओं को चराने के लिए तथा सोयाबीन आदि की उपज के लिए भी जंगलों को नष्ट किया जाता है । माँसाहार के लिए पशुओं की कृत्रिम पैदावार की जा रही है । इस प्रकार स्थान-स्थान पर जंगल कटने से पर्यावरण नष्ट हो रहा है, वर्षा कम हो रही है तथा रेगिस्तान बढ़ रहे हैं । औद्योगिक दुर्घटनाएं : रसायन उद्योगों में भीषण दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। जैसा कि सर्व विदित है, १९८५ में भोपाल स्थित यूनियन कारबाइड के कारखाने में एक वाल्व में छेद हो जाने के कारण ३० टन लेथल मिथाइल गैस हवा में फैल गई । इस जहरीली गैस के दुष्प्रभाव से २००० व्यक्तियों की तुरंत मौत हो गई तथा १७००० व्यक्ति हंमेशां के लिए स्थायी रूप से अपंग हो गए। विश्व में बड़ी मात्रा में परमाणु बमों का निर्माण हो रहा है तथा उस बनी हुई सामग्री को नियन्त्रण में रखना बहुत कठिन है। विकसित राष्ट्रों के पास १५००० टन परमाणु अस्त्र-शस्त्रों का संग्रह हो चुका है। इन परमाणु कारखानों मे अनेक भीषण दुर्घटनाएं भी घटित हुई हैं। यूक्रेन स्थित चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र में जो दुर्घटना घटित हुई, उससे २०००० व्यक्तियों की मृत्यु हुई और ५ लाख से अधिक लोग बीमारियों के शिकार हुए। माँस उद्योग एवं पर्यावरण माँस का बड़ी मात्रा में उत्पादन प्रयावरण के विनाश का कारण है। विश्व में उत्पन्न होने वाला ४० प्रतिशत अनाज उन पालतू जानवरों के चारे के लिए व्यय होता है, जिन्हें बाद में माँस पैदा करने के लिए कत्ल कर दिया जाता है। यदि विश्व में माँस का उत्पादन कर कर दिया जाय तो पर्यावरण के सुधार कर अनुकूल असर पड़ेगा । तब कम मात्रा में वृक्षों को काटना पड़ेगा एवं भूमि का कटाव भी घट जायेगा । उपभोक्तावाद : उपभोक्तावाद का विस्तार इस पाश्चात्य विचार धारा पर आधारित है कि वस्तुओं का अधिकतम उत्पादन विश्व की सभी आर्थिक समस्याओं का समाधान है और इसी से जन सामान्य का आर्थिक एवं सामाजिक विकास ૨૨૬ જૈનસાહિત્ય જ્ઞાનસત્ર-૨ જ્ઞાનધારા Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004539
Book TitleGyandhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunvant Barvalia
PublisherSaurashtra Kesari Pranguru Jain Philosophical and Literary Research Centre
Publication Year
Total Pages334
LanguageGujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Gujarati & Spiritual
File Size13 MB
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