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________________ है चतुर्थी दशा हिन्दीभाषाटीकासहितम् / 103 अथ का सा वाचना-सम्पत् ? वाचना-सम्पच्चतुर्विधा प्रज्ञप्ता, तद्यथा-विजयमुद्दिशति, विजयं वाचयति, परिनिर्वाप्य वाचयति, अर्थ-निर्यापकश्चापि भवति / सैषा वचन-सम्पत् / / 5 / / पदार्थान्वयः-से किं तं वायणा संपया-हे भगवन ! वाचना-सम्पत् कौन सी है? वायणा-संपया-(हे शिष्य !) वाचना-सम्पत् चउ-विहा-चार प्रकार की पण्णत्ता-प्रतिपादन की है तं जहा-जैसे विजयं उद्दिसइ-अध्ययन के लिए निश्चय उदेश्य करता है विजयं वाएइ-निचित भाग का अध्यापन करता है परिनिव्वावियं वासइ-जितना उपयुक्त है उतना ही पढ़ाता है। से तं वायणा-संपया-यही वाचना-सम्पत् है / _मूलार्थ-वाचना-सम्पत् किसे कहते हैं ? वाचना-सम्पत् चार प्रकार की प्रतिपादन की है, जैसे-विचार कर पाठ्य विषय का उद्देश्य करना, विचार-पूर्वक अध्यापन करना, जितना उपयुक्त हो उतना ही पढ़ाना तथा अर्थ संगति करते हुए नय-प्रमाण-पूर्वक अध्यापन करना / यही वाचना-सम्पत् टीका-इस सूत्र में वाचना-सम्पत् का विषय कथन किया गया है, अर्थात् पाठ्य-विषय निर्धारण और पाठन-शैली के विषय में गणी की योग्यता का परिचय दिया गया है। जैसे-जब शिष्यों को पढ़ाने का समय उपस्थित हो तो गणी को सब से पहिले शिष्यों की योग्यता का ज्ञान कर लेना चाहिए और जो शिष्य जिस शास्त्र या विद्या के योग्य हो उसको वही पढ़ाना चाहिए। यदि किसी अयोग्य शिष्य को अत्यन्त गूढ़ और रहस्य-पूर्ण शास्त्र पढ़ाया जाय तो शिष्य और शास्त्र की ठीक वही दशा होगी जो कच्चे घडे में पानी भरने से घड़े और पानी की होती है अर्थात् शिष्य की तो उतनी आयु निरर्थक व्यतीत हुई और अबोध को सुनाने से शास्त्र का अपमान हुआ। सारांश यह निकला कि शिष्य की योग्यता देखकर ही उसके लिए पाठ्य-विषय निश्चित करना चाहिए। विचारपूर्वक विषय निश्चित करने मात्र से कार्य-साधन नहीं हो जाता अपितु निश्चय के अनन्तर विचारपूर्वक ही उसको पढ़ाना भी चाहिए। इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि जितनी जिस शिष्य में धारणा शक्ति है, उसको उससे अधिक कभी न पढ़ावे, क्योंकि अधिक पढ़ाने से उसकी बुद्धि पर आवश्यकता से अधिक भार पड़ेगा और
SR No.004500
Book TitleDasha Shrutskandh Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAatmaram Jain Dharmarth Samiti
Publication Year2001
Total Pages576
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashashrutaskandh
File Size11 MB
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