________________ भगवान् महावीर ने अपने आस्तिकवाद को आचाराङ्ग सूत्र के प्रारम्भ में प्रकट किया है। वहां उन्होंने चार बातें बताई हैं आत्मावादी–अर्थात् आत्मा के अस्तित्व को मानने वाला। लोकवादी विश्व के अस्तित्व को मानने वाला। कर्मवादी–पुरुषार्थ, शुभाशुभ फल को मानने वाला। क्रियावादी–पुरुषार्थ में विश्वास रखने वाला। श्री उपासक दशांग सूत्रम् / 373 / परिशिष्ट