SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 24
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ * ; 11. 3. कम्मपयडी कम्मप्पवाय 4. प्रतिष्ठाकल्प विज्जप्पवाय - स्थापनाकल्प सिद्धप्राभृत अग्गाणीय पज्जोयाकप्प धम्मपण्णत्ति आयप्पवाय वक्कसुद्धि सच्चप्पवाय दशवैकालिक के दूसरे अध्ययन पच्चक्खाणप्पवाय परिसहज्झयण कम्मप्पवाय 12. पंचकप्प अज्ञात 13. दशाश्रुतस्कन्ध, कल्प, व्यवहार . पच्चक्खाणप्पवाय 14. महाकप्प अज्ञात 15.. निशीथ .. पच्चक्खाणप्पवाय 16. नयचक्र . नाणप्पवाय 17. सयग अज्ञात 18. पंचसंग्रह अज्ञात 16. सत्तरिया (कर्मग्रन्थ) कम्मप्पवाय 20. महाकर्मप्रवृत्ति प्राभृत कम्मप्पवाय 21. कषायप्राभृत अग्गाणीय 22. जीवसमास अज्ञात दिगम्बरों में आगम रूप से माने जाने वाले षट्खण्डागम और कषायप्राभृत भी पूणे से उद्धृत कहे जाते हैं। चौदह पूर्वो के नाम तथा विषय 1. उत्पाद—द्रव्य तथा पर्यायों की उत्पत्ति / 2. अग्रायणीय—सब द्रव्यों तथा जीवों के पर्यायों का परिमाण / अग्र का अर्थ है परिमाण और अयंन का अर्थ है परिच्छेद / . 3. वीर्यप्रवाद—सकर्म एवं अकर्म जीव तथा पुद्गलों की शक्ति / ... 4. अस्तिनास्तिप्रवाद—धर्मास्तिकाय आदि वस्तुएं स्वरूप से हैं और पररूप से नहीं हैं, इस प्रकार स्याद्वाद का वर्णन / श्री उपासक दशांग सूत्रम् / 16 / प्रस्तावना
SR No.004499
Book TitleUpasakdashang Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Shiv Muni
PublisherAatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti
Publication Year2003
Total Pages408
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_upasakdasha
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy