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________________ अथवा गेहूं के आटे से बने हुए गन्धयुक्त उबटन के अतिरिक्त अन्य सर्व प्रकार के उबटनों का त्याग किया। (6) स्नानविधि मूलम् तयाणंतरं च णं मज्जणविहि परिमाणं करेइ। नन्नत्थ अट्ठहिं उट्टिएहिं उदगस्स घडेहिं, अवसेसं मज्जणविहिं पच्चक्खामि // 27 // / छाया तदनन्तर च खलु मज्जनविधिपरिमाणं करोति। नान्यत्राष्टभ्य औष्ट्रिकेभ्य उदकस्य घटेभ्यः, अवशेष मज्जनविधिं प्रत्याख्यामि / शब्दार्थ तयाणंतरं च णं इसके अनन्तर, मज्जणविहिपरिमाण मज्जनविधि अर्थात् स्नान के लिए पानी का परिमाण, करेइ–किया उदगस्स—जल के, अट्ठहिं उट्टिएहिं—आठ औष्ट्रिक घड़ों के, नन्नत्थ—अतिरिक्त, अवसेसं—अन्य सब, मज्जण-विहिं—स्नान के लिए पानी का, पच्चक्खामि–प्रत्याख्यान करता हूं। भावार्थ इसके अनन्तर स्नान जल का परिमाण किया और पानी से भरे हुए आठ औष्ट्रिक घड़ों के अतिरिक्त शेष जलों के उपयोग का प्रत्याख्यान किया। ___टीका औष्ट्रिक का अर्थ है ऊंट के आकार का पात्र अर्थात् जिसका मुंह संकरा, गर्दन लम्बी और पेट बड़ा हो। प्रतीत होता है, उस समय बड़े लोटे (गङ्गासागर) के रूप में इस प्रकार का बर्तन काम में लाया जाता था। आनन्द ने स्नान के लिए इस प्रकार के आठ कलश पानी की मर्यादा की, अर्थात् इससे अधिक पानी के कलश नहाने के लिए उपयोग नहीं करूंगा। (7) वस्त्रविधि मूलम् तयाणंतरं च णं वत्थविहि परिमाणं करेइ। नन्नत्थ एगेणं खोमजुयलेणं, अवसेसं वत्थविहिं पच्चक्खामि // 28 // छाया तदनन्तरं च खलु वस्त्रविधि परिमाणं करोति। नान्यत्रैकस्मात् क्षौमयुगलाद्, अवशेष वस्त्रविधिं प्रत्याख्यामि। __शब्दार्थ तयाणंतरं च णं इसके अनन्तर, वत्थविहिपरिमाणं वस्त्र विधि का परिमाण, करेइ–किया, एगेणं एक, खोमजुयलेणं क्षोमयुगल अर्थात् अलसी या कपास के बने हुए दो वस्त्रों के, नन्नत्थ—अतिरिक्त, अवसेसं—अन्य, वत्थविहिं—वस्त्र विधि का पच्चक्खामि—प्रत्याख्यान करता हूं। भावार्थ इसके अनन्तर वस्त्रविधि अर्थात् पहनने के वस्त्रों का परिमाण किया और अलसी अथवा कपास के बने हुए वस्त्र युगल के अतिरिक्त अन्य वस्त्रों के पहनने का परित्याग किया। / श्री उपासक दशांग सूत्रम् / 68 / आनन्द उपासक, प्रथम अध्ययन
SR No.004499
Book TitleUpasakdashang Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Shiv Muni
PublisherAatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti
Publication Year2003
Total Pages408
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_upasakdasha
File Size9 MB
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