SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 184
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री कल्पसूत्र-बालावबोध (151) कर सब लोग महोत्सव देख सकें ऐसे बड़े-बड़े मंच तैयार करो। अनेक प्रकार की रंग-बिरंगी ध्वजा-पताकाएँ जगह-जगह बँधवा कर नगर को शोभायमान करो। शहर के मार्ग धुलवाओ और उन्हें लीपाओ। जगह-जगह गोशीर्षचन्दन, रक्तचन्दन के पाँच ऊँगलियों के छापे लगवाओ। घर घर में चन्दनकलश स्थापन करवाओ। चन्दनकलशघटित बन्दनवारों से घरों के दरवाजे सजाओ। उन दरवाजों पर लम्बी, बड़ी और गोल पुष्पमालाएँ लटकाओ। पंचरंगी पुष्पों के ढेर लगवाओ। कृष्णागर, कुन्दरु, शिलारस, धूप घमघमायमान करो और मनोहर गंध तथा सुगंधित अगरबत्ती लगाओ। मनोहर गंध करो। तथा नाटक करने वाले- जो स्वयं नाटक करते हैं वे, रस्सी पर नाचने वाले, मल्लयुद्ध करने वाले, मुष्टियुद्ध करने वाले, भाँड, कथावाचक, रासगायक, हाथी पर से कूदने वाले प्लवक, राजा की वंशावली बोलने वाले, कवित्त-सवैये बोलने वाले, कोटवाले, शुभाशुभ निमित्त बताने वाले, बाँस पर नाचने वाले, चित्रपट्ट दिखाने वाले मंख, चमड़े की मशक में हवा भर कर बजाने वाले तूणयल्ला, तुंबिनी बीन बजाने वाले, हाथ-ताली दे कर नाचने वाले और अनेक ताल बजाने वाले इन सबको बुला कर स्थान स्थान पर बैठाओ, जिससे ये सब अपनी अपनी कला दिखायें। यह काम तुम करो तथा अन्य के पास करवाओ और मेरी आज्ञा मुझे लौटाओ। तब उस कौटुंबिक पुरुष ने बहुत प्रसन्न हो कर राजा के आदेश के अनुसार सब काम कर के आज्ञा वापस सौंप दी। इसके बाद सिद्धार्थ राजा मल्लयुद्धशाला में गये। वहाँ मल्लयुद्ध कर के, तेल मालिश कर के स्नान किया। फिर सब वस्त्रालंकार, मालाप्रमुख धारण कर महातेज सहित महाबल सहित, सब बाजों की ध्वनि के साथ, ऋद्धि, कान्ति, सेना, वाहन और समुदाय सहित बड़े बड़े बाजे समकाल में एक साथ बजवाये। शंख, पटह (ढोल), भेरी, झल्लर, खरमुखी (कालही), रणसींगा (एक वाद्य), मान्दल, मृदंग और दुन्दुभी इन नौ प्रकार के वाद्यों के शब्द-प्रतिशब्दों से सिद्धार्थ राजा को बड़ा हर्ष हुआ।
SR No.004498
Book TitleKalpsutra Balavbodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay, Jayantsensuri
PublisherRaj Rajendra Prakashan Trust
Publication Year1998
Total Pages484
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_kalpsutra
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy