________________ (116) श्री कल्पसूत्र-बालावबोध सूर्य, अग्निप्रमुख स्वप्न में देखे; श्लेष्म की अधिकता के योग से अश्व, नक्षत्र, चन्द्र, शुक्लपक्ष, नदी, सरोवर, समुद्र इत्यादि पार करने का स्वप्न देखे, तो ये स्वप्न निष्फल जानना। ___ गाय, बैल, हाथी, महल, पर्वत-शिखर पर चढ़ रहा हूँ, ऐसा स्वप्न देखे, तो उसे महानता प्राप्त होती है। स्वप्न में शरीर पर विष्टाविलेपन देखे, तो वह निरोगी होता है। स्वप्न में रुदन करे, तो उसे हर्षप्राप्ति होती है। स्वप्न में राजा, हाथी, घोड़ा, सोना, बैल, गाय, परिवार देखे; तो उसके कुल की वृद्धि होती है। प्रासाद पर चढ़ कर भोजन कर रहा हूँ, ऐसा स्वप्न देखे तथा समुद्र में तैर रहा हूँ, ऐसा स्वप्न देखे, तो यदि नीच कुल में उसका जन्म हुआ हो, तो भी वह राजा बनता है। दीपक, मांस, फल, कन्या, पद्म, छत्र और ध्वजा ये चीजें स्वप्न में देखे, तो वह जय प्राप्त करता है तथा अपने इष्टदेव की प्रतिमा यदि स्वप्न में देखता है, तो आयुवृद्धि होती है तथा कीर्ति, यश और धन की भी वृद्धि होती है। ____कपास, भस्म, हड्डी और छाछ ये चार सफेद वस्तुएँ छोड़ कर अन्य कोई भी सफेद वस्तु स्वप्न में दिखाई दे, तो शुभ जानना तथा हाथी, देव, घोड़ा और राजा ये चार वस्तुएँ छोड़ कर अन्य कोई भी काली वस्तु स्वप्न में दिखाई दे, तो अशुभ जानना। स्वप्न में गायन गाये तो रोना पड़ता है। स्वप्न में नाचे तो जेल में जाना पड़ता है। स्वप्न में हँसे तो शोक में पड़ता है और स्वप्न में पढ़े तो कलह होता है। स्वप्न में देव, साधु, ब्राह्मण, राजा, पिता और वृषभ इनमें से कोई भी आ कर किसी प्रकार की बात कहे, तो वह अवश्य सत्य होती है। कोई फूला-फला वृक्ष या रायण के वृक्ष पर स्वप्न में स्वयं को चढ़ा हुआ देखे, तो उसे बहुत धन लाभ होता है। गधा, ऊँट, भैंस या भैंसा इन पर स्वयं को सवार होते हुए कोई स्वप्न में देखे, तो तत्काल उसकी मृत्यु हो जाती है। .. जो पुरुष स्वप्न में श्वेत वस्त्रधारिणी, श्वेत चन्दन का विलेपन की हुई स्त्री को भोगता है, उसे सब प्रकार की लक्ष्मी प्राप्त होती है। जो स्वप्न में लाल वस्त्र वाली, लाल चन्दन, कृष्ण गंधविलेपन वाली स्त्री को भोगता है,